By Jitendra Jeet
कहते हैं कि यात्राओं के अनुभव से हम बहुत कुछ सीखते हैं। वहाँ के लोग और वहाँ का खानपान हमारे ज़ेहन में लंबे समय के लिए बस जाते हैं, आज की यात्रा ऐसे ही ख़ूबसूरत हिमालय के गाँवों की है जो भारत-नेपाल सीमा पर बसे हैं।
कहते हैं कि यात्राओं के अनुभव से हम बहुत कुछ सीखते हैं। वहाँ के लोग और वहाँ का खानपान हमारे ज़ेहन में लंबे समय के लिए बस जाते हैं, आज की यात्रा ऐसे ही ख़ूबसूरत हिमालय के गाँवों की है जो भारत-नेपाल सीमा पर बसे हैं।
By Jitendra Jeet
सुदूर हिमालय की तलहटी में बसे गाँवों की अपनी सांस्कृतिक विरासतें हैं, जिन्हें वो सदियों से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को सौंपते आ रहे हैं, ऐसा ही नेपाल का एक गाँव है छांगरू, जहाँ की यात्रा पर आपको ले चल रहे हैं।
सुदूर हिमालय की तलहटी में बसे गाँवों की अपनी सांस्कृतिक विरासतें हैं, जिन्हें वो सदियों से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को सौंपते आ रहे हैं, ऐसा ही नेपाल का एक गाँव है छांगरू, जहाँ की यात्रा पर आपको ले चल रहे हैं।
By Jigyasa Mishra
पन्ना टाईगर रिज़र्व के से लगभग 20 किलोमीटर दूर, कैमासन गाँव में जंगली जानवरों का खतरा लगातार बना रहता है। पालतू पशु, खेत में जाती महिलाएं और छोटे बच्चों पर हमेशा ही ये खतरा मंडराता रहता है।
पन्ना टाईगर रिज़र्व के से लगभग 20 किलोमीटर दूर, कैमासन गाँव में जंगली जानवरों का खतरा लगातार बना रहता है। पालतू पशु, खेत में जाती महिलाएं और छोटे बच्चों पर हमेशा ही ये खतरा मंडराता रहता है।
By Shefali Srivastava
By Niroj Ranjan Misra
Biswanath Tudu’s work has helped promote the Ol Chiki script of the Santali language. In 2010 when Biswanath Tudu got the Akademi Award, there were less than 100 Ol Chiki litterateurs in Odisha who read and wrote this unique script, but now their number has increased to over 300.
Biswanath Tudu’s work has helped promote the Ol Chiki script of the Santali language. In 2010 when Biswanath Tudu got the Akademi Award, there were less than 100 Ol Chiki litterateurs in Odisha who read and wrote this unique script, but now their number has increased to over 300.