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छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमों के खर्च में कमी ला सकती अपशिष्ट जल शोधन की नई तकनीक
छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमों के खर्च में कमी ला सकती अपशिष्ट जल शोधन की नई तकनीक

By गाँव कनेक्शन

इस तकनीक से जल शोधन के बाद तेल को पानी से अलग कर के औद्योगिक बर्नर तेल, भट्ठी तेल, मोल्ड तेल, हाइड्रोलिक तेल आदि के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

इस तकनीक से जल शोधन के बाद तेल को पानी से अलग कर के औद्योगिक बर्नर तेल, भट्ठी तेल, मोल्ड तेल, हाइड्रोलिक तेल आदि के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

मौत का घूंट: मिर्जापुर में दूषित पानी पीने से कोल जनजाति की एक बच्ची और उसकी दादी की मौत, कई बीमार
मौत का घूंट: मिर्जापुर में दूषित पानी पीने से कोल जनजाति की एक बच्ची और उसकी दादी की मौत, कई बीमार

By Brijendra Dubey

मिर्जापुर के कोल आदिवासी बहुल ददरा गांव लोग के इन दिनों पानी पीने से पहले कई बार सोचते हैं। गांव में दूषित पानी पीने से एक परिवार के दो लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 2 साल की एक बच्ची भी है।

मिर्जापुर के कोल आदिवासी बहुल ददरा गांव लोग के इन दिनों पानी पीने से पहले कई बार सोचते हैं। गांव में दूषित पानी पीने से एक परिवार के दो लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 2 साल की एक बच्ची भी है।

वाराणसी को नाम दिया जिन नदियों ने कहीं उनका ही नामो-निशान न मिट जाए
वाराणसी को नाम दिया जिन नदियों ने कहीं उनका ही नामो-निशान न मिट जाए

By Divendra Singh

प्रदूषण से पक्षी भी परेशान, प्रजनन क्षमता हो रही प्रभावित
प्रदूषण से पक्षी भी परेशान, प्रजनन क्षमता हो रही प्रभावित

By Diti Bajpai

154 villages in Western Uttar Pradesh are drinking toxic water
154 villages in Western Uttar Pradesh are drinking toxic water

By Ranvijay Singh

The villagers allege that industries and factories dump their toxic waste in three rivers -- Hindon, Krishna and Kaali-- flowing through these villages, which has contaminated the groundwater

The villagers allege that industries and factories dump their toxic waste in three rivers -- Hindon, Krishna and Kaali-- flowing through these villages, which has contaminated the groundwater

कपड़ा उद्योग से निकले दूषित जल के शोधन की नयी तकनीक विकसित
कपड़ा उद्योग से निकले दूषित जल के शोधन की नयी तकनीक विकसित

By India Science Wire

इस तकनीक से रंगाई के बाद बचे दूषित जल से विषैले तत्वों को निकालकर उससे घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लायक बनाया जा सकेगा। इससे प्रदूषित जल की समस्या से निजात मिलने के साथ ही पानी की किल्लत जैसे दोहरे लाभ हासिल हो सकेंगे।

इस तकनीक से रंगाई के बाद बचे दूषित जल से विषैले तत्वों को निकालकर उससे घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लायक बनाया जा सकेगा। इससे प्रदूषित जल की समस्या से निजात मिलने के साथ ही पानी की किल्लत जैसे दोहरे लाभ हासिल हो सकेंगे।

फार्मा कंपनियों की वजह से बढ़ रहा है एंटीबायोटिक प्रदूषण, तत्काल ध्यान देने की है जरूरत
फार्मा कंपनियों की वजह से बढ़ रहा है एंटीबायोटिक प्रदूषण, तत्काल ध्यान देने की है जरूरत

By Dr Bishwanath Prasad Singh

सिरसा और सतलुज नदी के पानी में भारी मात्रा में एंटीबायोटिक है। यहां एक लीटर पानी में 296 माइक्रोग्राम (μg/l) तक एंटीबायोटिक पाया गया। जोकि निर्धारित मानक से 1500 गुना अधिक है।

सिरसा और सतलुज नदी के पानी में भारी मात्रा में एंटीबायोटिक है। यहां एक लीटर पानी में 296 माइक्रोग्राम (μg/l) तक एंटीबायोटिक पाया गया। जोकि निर्धारित मानक से 1500 गुना अधिक है।

उत्तर प्रदेश: सीतापुर में चीनी मिल से निकले दूषित पानी से खराब हो रही फसल, ग्रामीणों को है बीमारियों का डर
उत्तर प्रदेश: सीतापुर में चीनी मिल से निकले दूषित पानी से खराब हो रही फसल, ग्रामीणों को है बीमारियों का डर

By Kirti Shukla

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक चीनी मिल पड़ोसी गांव में खुले में गंदा पानी बहा रही है, जिससे ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों का दावा है इससे उनकी जमीन बंजर हो रही है और फसल उत्पादन भी कम हो रहा है, जबकि फैक्ट्री प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी इन आरोपों से इनकार करते हैं।

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक चीनी मिल पड़ोसी गांव में खुले में गंदा पानी बहा रही है, जिससे ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों का दावा है इससे उनकी जमीन बंजर हो रही है और फसल उत्पादन भी कम हो रहा है, जबकि फैक्ट्री प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी इन आरोपों से इनकार करते हैं।

गंदे नाले में बदल गईं पश्चिमी यूपी की छोटी नदियां
गंदे नाले में बदल गईं पश्चिमी यूपी की छोटी नदियां

By Divendra Singh

यूपी चुनाव और हर बार की तरह प्रदूषित काली नदी को साफ करने के पुराने वादे
यूपी चुनाव और हर बार की तरह प्रदूषित काली नदी को साफ करने के पुराने वादे

By Brijendra Dubey

काली नदी, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों के 80 गाँवों के तकरीबन ढाई लाख लोगों की जिंदगी में कहर बरपा रही है। नदी कैंसर और त्वचा रोगों का कारण बन रही है। एक तरफ कारखानों का जहरीला पानी और कचरा नदी में गिराया जा रहा है तो वहीं कम क्षमता वाला एक सीवेज उपचार संयंत्र प्रदूषण के इस भार को उठा पाने में सक्षम नहीं है। नतीजन गांव के लोग बीमारियों और मौत का शिकार हो रहे हैं। राजनेता हर बार चुनाव में नदी को साफ करने का एक नया वादा लेकर आते हैं, लेकिन स्थिति सालों से ज्यों की त्यों बनी हुई है। गांव कनेक्शन की "क्या कहता है गाँव'के लिए एक ग्राउंड रिपोर्ट।

काली नदी, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों के 80 गाँवों के तकरीबन ढाई लाख लोगों की जिंदगी में कहर बरपा रही है। नदी कैंसर और त्वचा रोगों का कारण बन रही है। एक तरफ कारखानों का जहरीला पानी और कचरा नदी में गिराया जा रहा है तो वहीं कम क्षमता वाला एक सीवेज उपचार संयंत्र प्रदूषण के इस भार को उठा पाने में सक्षम नहीं है। नतीजन गांव के लोग बीमारियों और मौत का शिकार हो रहे हैं। राजनेता हर बार चुनाव में नदी को साफ करने का एक नया वादा लेकर आते हैं, लेकिन स्थिति सालों से ज्यों की त्यों बनी हुई है। गांव कनेक्शन की "क्या कहता है गाँव'के लिए एक ग्राउंड रिपोर्ट।

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