By Dr SB Misra
भारत की खेती 10,000 साल पुरानी है, लेकिन आज किसान अपने ही खेत में असहाय खड़ा है। कैसे विकास के गलत मॉडल, रसायनिक खेती और नीतिगत खैरात ने किसान को आत्मनिर्भर से आश्रित बना दिया।
भारत की खेती 10,000 साल पुरानी है, लेकिन आज किसान अपने ही खेत में असहाय खड़ा है। कैसे विकास के गलत मॉडल, रसायनिक खेती और नीतिगत खैरात ने किसान को आत्मनिर्भर से आश्रित बना दिया।
By Dr SB Misra
गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।
गाँव में आज भी चिकित्सा व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। 70% आबादी गाँवों में रहती है, लेकिन डॉक्टरों का सिर्फ़ 26% हिस्सा वहां उपलब्ध है। अस्पतालों की कमी, दवाइयों का अभाव, झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला और तेजी से बढ़ती शहरी बीमारियां, ग्रामीण स्वास्थ्य को बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी कर रही हैं।
By Divendra Singh
किसान अरहर की उन्नत किस्मों को अपनाकर अरहर की फसल को बीमारियों से बचा सकता है।
किसान अरहर की उन्नत किस्मों को अपनाकर अरहर की फसल को बीमारियों से बचा सकता है।
By Divendra Singh
अरहर की दूसरी किस्मों की बुवाई जुलाई में होती है, जो अप्रैल में तैयार होती हैं, वहीं नई किस्में नवंबर में ही तैयार हो जाती हैं। इनमें उकठा जैसी कई बीमारियां भी नहीं लगती हैं।
अरहर की दूसरी किस्मों की बुवाई जुलाई में होती है, जो अप्रैल में तैयार होती हैं, वहीं नई किस्में नवंबर में ही तैयार हो जाती हैं। इनमें उकठा जैसी कई बीमारियां भी नहीं लगती हैं।
By Bidyut Majumdar
By Neetu Singh
इन महिलाओं की बदौलत राज्य में अरहर का रकबा तेजी से बढ़ रहा है। मॉडल फार्मिंग की सबसे अच्छी बात ये है कि दाल उगाने वाली महिलाएं, ट्रेनिंग देने वाली महिलाएं, प्रोसेसिंग यूनिट पर काम करने वाली महिलाएं और आखिर में इसको बेचने वाली भी महिलाएं ही होती हैं।
इन महिलाओं की बदौलत राज्य में अरहर का रकबा तेजी से बढ़ रहा है। मॉडल फार्मिंग की सबसे अच्छी बात ये है कि दाल उगाने वाली महिलाएं, ट्रेनिंग देने वाली महिलाएं, प्रोसेसिंग यूनिट पर काम करने वाली महिलाएं और आखिर में इसको बेचने वाली भी महिलाएं ही होती हैं।
By Ashwani Nigam
By गाँव कनेक्शन
दलहनी फसलों में अरहर का प्रमुख स्थान है और किसान अभी खरीफ़ में अरहर की बुवाई कर रहे हैं, ऐसे में किसान अरहर की किस्म पूसा अरहर-16 की बुवाई कर सकते हैं। यह किस्म 120 दिनों में तैयार हो जाती है।
दलहनी फसलों में अरहर का प्रमुख स्थान है और किसान अभी खरीफ़ में अरहर की बुवाई कर रहे हैं, ऐसे में किसान अरहर की किस्म पूसा अरहर-16 की बुवाई कर सकते हैं। यह किस्म 120 दिनों में तैयार हो जाती है।
By Gaon Connection
दलहनी फसलों में अरहर का प्रमुख स्थान है और किसान अभी खरीफ़ में अरहर की बुवाई कर रहे हैं, ऐसे में किसान अरहर की किस्म पूसा अरहर-16 की बुवाई कर सकते हैं। यह किस्म 120 दिनों में तैयार हो जाती है।
दलहनी फसलों में अरहर का प्रमुख स्थान है और किसान अभी खरीफ़ में अरहर की बुवाई कर रहे हैं, ऐसे में किसान अरहर की किस्म पूसा अरहर-16 की बुवाई कर सकते हैं। यह किस्म 120 दिनों में तैयार हो जाती है।
By Harinarayan Shukla