यूपी: बैंक का कर्ज न चुका पाने के सदमे में एक किसान की मौत

Virendra SinghVirendra Singh   21 March 2018 3:52 PM GMT

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यूपी: बैंक का कर्ज न चुका पाने के सदमे में एक किसान की मौतइनसेट में मृतक कैलाश।

बैंक का कर्ज न चुका पाने से परेशान एक किसान की हृदयाघात से मौत हो गई। बैंक द्वारा मिली नोटिस से किसान काफी परेशान था। अपनी समस्या ने निजात पाने के चक्कर में मृतक किसान बैंक में कर्मचारियों से मुलाकात करने गया शाम को घर आने के बाद किसान की हृदयाघात से मौत हो गई।

मामला बाराबंकी जिले के थाना मोहम्मदपुर खाला क्षेत्र के ग्राम पतौजा का है। यहां निवासी कैलाश वर्मा(40 वर्ष) पुत्र गुरुप्रसाद को 3 दिन पहले बैंक की नोटिस मिली। नोटिस मिलने के बाद से कैलाश काफी परेशान था। अपनी समस्या के समाधान के लिए वो बैंक और जिले के चक्कर लगा रहा था की सोमवार की शाम हार्ट अटैक पड़ने से मौत हो गई।

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कैलाश वर्मा के पुत्र दुर्गेश ने गाँव कनेक्शन को बताया कि 2009 में हमारी दादी जगपति के नाम से मोहम्मदपुर खाला बैंक में किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया गया था। जिसकी लिमिट 85000 रुपए थी। इस खाते से उस वक्त 70000 रुपए निकाले गए थे। साल 2010 में दादी का स्वर्गवास हो गया और हमारे पिता जी ने 20000 रुपए बैंक में जमा भी किए लेकिन 2016 में बैंक कर्मियों ने दादी के खाते को बिना सूचना के पलटा कर दिया।

3 दिन पहले हमारे घर नोटिस आई थी जिसको लेकर पिती जी बहुत परेशान थे। पिता जी को इस बात का सदमा लगा था की हमने बैंक में कोई पलटा नहीं किया है हमारा कर्ज माफी के दायरे में आ रहा था फिर अचानक यह नोटिस हमारे घर कैसे पहुंची। नोटिस के बारे में जानकारी करने पिता जी बैंक गए थे। वो देर शाम घर वापस आए और अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। सूचना तहसील प्रशासन व पुलिस प्रशासन को दी गई मौके पर पहुंचे तहसीलदार संदीप त्रिपाठी व थानाध्यक्ष जनमेजय सचान ने पंचनामा भरकर अंतिम संस्कार करवा दिया।

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अब कैसे होंगे लड़की के हाथ पीले

किसान कैलाश के 5 लड़के व दो लड़कियां हैं बड़ी लड़की की शादी कैलाश कर चुका है जबकि उस से छोटी लड़की रूबी की शादी के लिए कैलाश लड़का देख रहा था। पत्नी रो रो कर कहती हैं अब कैसे हमारी बेटी के हाथ पीले होंगे जब घर की देखरेख करने वाले की मौत हो गई।

मासूम बच्चों की आंखों से नहीं थम रहे थे आंसू

किसान कैलाश के सबसे छोटे बच्चे अजय 4 वर्षीय व रिन्कू 9 वर्षीय का रो रो कर बुरा हाल है। हर तरफ मासूम बच्चों की आंखें अपने पिता को खोज रही थी पर उन्हें क्या पता.उनके सर से बाप का साया उठ गया है। मृतक किसान कैलाश मात्र 6 बीघा जमीन में खेती करके अपनी जीविका चलाता था।

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