शहीद इंस्पेक्टर के नाम पर बनेगी सड़क, सीएम योगी से मुलाकात में जानिए और क्या हुआ ?

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शहीद इंस्पेक्टर के नाम पर बनेगी सड़क, सीएम योगी से मुलाकात में जानिए और क्या हुआ ?लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ शहीद इंस्पेक्टर के परिजन।

लखनऊ। बुलंदशहर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार राठौर के परिजनों को पूरी सुरक्षा और घटना के दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद इंस्पेक्टर के परिजनों से मुलाकात के बाद उन्हें ये आश्वासन दिया। शहीद इंस्पेक्टर के परिजन सीएम योगी से मिलने लखनऊ पहुंचे थे। इस मुलाकात के दौरान प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह भी मौजूद थे।

मुलाकात के बाद डीजीपी ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री ने सरकार की ओर से परिवारजनों को आश्वासन दिया है कि परिवार एक अभन्नि अंग बनकर रहेगा और दिवंगत राठौर के दोनों बच्चों की पढाई में कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। सरकार की ओर से राठौर के परिवार को 40 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा कर चुके हैं। चूंकि दिवंगत इंस्पेक्टर के माता पिता जीवित नहीं हैं इसलिए उन्हें मिलने वाली दस लाख रुपये की राशि भी पत्नी और बच्चों को मिलेगी।

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इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह। फाइल फोटो

डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि बच्चों की पढाई के संबंध में तय किया गया है कि इसके लिए बैंक से ली गई ऋण राशि का भुगतान सरकार की ओर से किया जाएगा। शहीद के बड़े बेटे श्रेय ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से पूरा आश्वासन मिला है कि न्याय मिलेगा। जो भी आरोपी हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। संकट की इस घड़ी में वह हमारे साथ हैं और रहेंगे। मामले की जांच कहां तक पहुंची, इस सवाल पर डीजीपी ने कहा कि जब जांच पूरी हो जाएगी तो अवगत कराया जाएगा।

शहीद सुबोध कुमार सिंह की पत्नी ने कहा- दादरी केस को लेकर उनके पति को मिल रही थी धमकियां।

मुख्यमंत्री ने परिवार को असाधारण पेंशन, एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और ऐटा में जैथरा—कुरावली सड़क का नाम दिवंगत अधिकारी के नाम पर रखे जाने की बात भी कही।

मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री आवास पर डीजीपी के अलावा कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, प्रभारी मंत्री राजेश गर्ग समेत अन्य आला अधिकारी भी मौजूद रहे। सुबोध की पत्नी ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके पति घर जल्दी नहीं आ पाते थे तो वह हमें मिलने के लिए थाने पर ही बुला लिया करते थे। कहते, तुम्हें और बच्चों को देखने का बहुत मन होता है। हिंसा से दो दिन पहले हम उनसे मिलने गए थे, तो कोतवाली में तीन लोगों को गौकशी के आरोप में पकड़कर लाया गया था।

इससे पहले दिवंगत इंस्पेक्टर की पत्नी ने आरोप लगाया था कि उनके पति को अक्सर धमकियां मिलती रहती थीं। वह अखलाक मामले की जांच कर रहे थे इसलिए उन पर हमला हुआ। यह एक सोची समझी-साजिश है। उल्लेखनीय है कि सोमवार को बुलंदशहर के चिंगरावटी पुलिस चौकी पर भीड़ की हिंसा के बाद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी गई थी। कथित गोकशी को लेकर हुई हिंसा में एक स्थानीय युवक की भी मौत हो गई। आरोप है कि वो युवक हंगामा कर रही भीड़ में शामिल था। (भाषा)

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