किसान किसी के बहकावे में न आएं, नई कृषि नीति उनके हित में है: केशव प्रसाद मौर्य

नए कृषि कानूनों के विरोध में नई दिल्ली में 21 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन के बीच उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने वाराणसी में एक किसान संवाद कार्यक्रम में नये कानूनों को लेकर किसानों की भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया।

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किसान किसी के बहकावे में न आएं, नई कृषि नीति उनके हित में है: केशव प्रसाद मौर्यवाराणसी के जिंसा में किसान संवाद कार्यक्रम के दौरान किसानों को संबोधित करते उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य। फोटो : गाँव कनेक्शन

लखनऊ/वाराणसी। "नई कृषि नीति से किसान अपने उत्पादों को देश के किसी बाजार में भेज सकता है। सरकार के स्तर पर ऐसी व्यवस्था की जा रही है जिससे किसानों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार भी उपलब्ध हो रहे हैं। यदि नई कृषि नीति को लेकर किसानों को कोई आशंका है तो वार्ता के लिए सरकार के सभी दरवाजे खुले हैं," यह बात उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कही।

वाराणसी के जंसा में चल रहे किसान संवाद कार्यक्रम में किसानों के साथ बातचीत में उप मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "किसान सुझाव दें ताकि उचित होने पर सरकार उसे स्वीकार करते हुए कृषि बिल में संशोधन कर सके। कृषि बिल में यह स्पष्ट है कि सरकारी तौर पर होने वाली खरीद बंद नहीं की जाएगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी किसानों के उत्पादों की खरीद होगी। इसके साथ ही मंडियों का भी संचालन होगा।"

"कृषि बिल में किसानों को यह सुविधा दी जा रही है कि वह अपने उत्पाद मंडी में भी बेच सकता है और अपने खेत में भी, जहां उसे उचित मूल्य मिले वहां अपने उत्पाद बेचे, यह किसानों के हित में है," नई दिल्ली में नए कृषि कानूनों के विरोध में 21 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन के बीच केशव प्रसाद मौर्य ने यह बात कही।

कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को उपहार स्वरुप भेंट किया गया गदा।

कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री कहते हैं, "जैसे व्यापारी, कोई नौकरी पेशा वाला अपना जीवन बेहतर कर लेता है उसी प्रकार किसान भी अपने जीवन को बेहतर कर सकेगा। अब किसान का बेटा किसान बनने में गौरव महसूस करेगा। अपनी सारी जरूरतों को कृषि उत्पादों का बिक्री कर अपनी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगा।"

उन्होंने किसानों से अनुरोध करते हुए कहा कि किसान किसी बहकावे में न आए। कृषि बिल पूरे देश के लिए है और देश के किसी भी राज्य में रहने वाले किसानों के हितों से जुड़ा है।

उप मुख्यमंत्री मौर्य ने कहा, "नए कृषि कानूनों की ताकत किसान समझे। किसी के भ्रम जाल में फंसने के बजाय किसान अपनी दोगुनी आमदनी करने और खेती को लाभदायक बनाने की मुहिम में प्रधानमंत्री मोदी का साथ दें। प्रदर्शनकारी किसान भी हमारे अपने ही हैं, उनके लिए हमेशा हमारे द्वार खुले हैं। केंद्र सरकार ने उनसे कई दौर की वार्ता भी की है, हम उनके सभी संदेह दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

"किसान भाई याद रखें कि प्रधानमंत्री मोदी कभी भी उनका अहित नहीं होने देंगे। मैं भी एक किसान हूं, इसलिए दावे के साथ कहता हूं कि यह तीनों कानून किसानों के हित में हैं और सरकार ने किसानों के हित में बहुप्रतीक्षित सुधारों को मूर्तरूप दिया," उप मुख्यमंत्री ने कहा।

किसानों से बातचीत में केशव प्रसाद मौर्य ने आगे कहा, "किसानों के लिए मंडियों की व्यवस्था में और सुधार कर रहे हैं। मंडिया तो कायम रहेंगी ही वहीं निजी मंडी और निजी व्यापारियों के आने से किसानों के लिए विकल्प बढ़ेंगे। उद्यमी और किसान के बीच सौदा भी आपसी सहमति से ही होगा। व्यापारी किसी भी प्रकार से किसान पर दबाव नहीं बना सकता है। नये कानूनों से पूरी व्यवस्था और प्रतिस्पर्धी होगी और नए कानूनों से कृषि में निवेश बढ़ेगा।"

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