यूपी: किसानों के गन्ना बकाए का भुगतान न करने पर लखीमपुर में चीनी मिल पर एफआईआर

लखीमपुर खीरी में साल भर से किसानों का 266 करोड़ रुपए का भुगतान न करने पर बजाज ग्रुप की एक चीनी मिल पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

Mohit ShuklaMohit Shukla   30 Nov 2021 10:05 AM GMT

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यूपी: किसानों के गन्ना बकाए का भुगतान न करने पर लखीमपुर में चीनी मिल पर एफआईआर

बजाज ग्रुप की 2 मिलों को डीएम ने दिया था अल्टीमेटम, एक पर दर्ज हुई एफआईआर। फोटो अरेंजमेंट

लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)। एक साल से किसानों के गन्ना बकाया का भुगतान न करने पर उत्तर प्रदेश में लखीमपुर जिले की एक चीनी मिल पर रिपोर्ट दर्ज़ कराई गई है। बजाज हिन्दुस्थान शुगर मिल पर किसानों के करीब 26602.19 लाख रुपए बाकी हैं। पलिया कलां में स्थित बजाज हिन्दुस्थान शुगर पर 29 नवंबर को धोखाधड़ी/जालसाजी की धारा 420, आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होने की धारा 120, आईपीसी की धारा 406 के साथ ही आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 और 5 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

जिलाधिकारी के निर्देश पर थाना पलिया में ये रिपोर्ट दर्ज रिपोर्ट दर्ज कराने वाले गन्ना विभाग के विशेष सचिव (पलिया) राजेश कुमार के मुताबिक वितीय वर्ष 2020-2021 में बजाज हिन्दुस्थान शुगर मिल पलिया कला के द्वारा 120.60 लाख कुन्तल गन्ने की खरीद की गई। जिसका वाजिब भुगतान 38701.57 हुआ इसके सापेक्ष चीनी मिल द्वारा अब तक12099.38 लाख रुपये का भुगतान किया गया। बाकी शेष 26602.19 लाख रुपये का भुगतान अभी तक नहीं किया गया।

चीनी मिल पर एफआईआर के संदर्भ में जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी महेंद्र बहादुर सिंह ने कहा,"गन्ने का भुगतान को लेकर चीनी प्रबंधन को कई बार नोटिस भी जारी की गई,इसके बावजूद भी चीनी मिल द्वारा गन्ने का भुगतान नहीं किया गया। जिसके चलते रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। गन्ना किसानों का भुगतान सरकार की प्राथमिकता है।"

पलिया कोतवाली के पुलिस निरीक्षक हरिकेश राय के मुताबिक चीनी मिल के ख़िलाफ़ विशेष सचिव की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।आगे की कार्यवाही जारी है।

27 नवंबर को जिले में गन्ना बकाया भुगतान के लिए समीक्षा बैठक में डीएम ने बजाज ग्रुप की तीनों डिफाल्टर चीनी मिलों के प्रबंधन को 2 दिन में पूरा गन्ना किसानों का भुगतान करने का अल्टीमेटम दिया था।

जिले के गन्ना अधिकारी बृजेश पटेल ने गांव कनेक्शन ने बताया, "बजाज ग्रुप की चीनी मिल गोला पर 27685 लाख रुपये, पलिया चीनी मिल 26602 लाख रुपये, खम्बार खेडा चीनी मिल पर 17538 रुपये बकाया है। अभी एफआईआर दर्ज कराई है,आगे भी विधिक कार्यवाही की जायेगी।"

लखीमपुर खीरी में देश का चीनी का कटोरा कहा जाता है. यहां पर 9 चीनी मिले हैं जिसमें से 2 सरकारी और 7 निजी क्षेत्र की हैं।

विधानसभा चुनाव के लिए जारी गहमागमही के बीच लखीमपुर समेत कई जिलों के लिए गन्ना भुगतान बड़ा मुद्दा है। ऐसे में सरकार ने गन्ना विभाग और जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए है कि किसानों का बकाया नहीं रुकना चाहिए। हाईकोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक गन्ने की तौल के 14 दिन के अंदर भुगतान होना चाहिए। लेकिन सरकार की तमाम सख्ती के बाद भी कई जिलों में चीनी मिलें किसानों को भुगतान नहीं कर रही हैं।

लखीमपुर खीरी जिले में ही बिजुवा ब्लाक के सन्तगढ़ फार्म में रहने वाले किसान अवतार सिंह के पास 26 एकड़ जमीन पर गन्ना है। उनका इसी बजाज चीनी मिल पर करीब 8.50 लाख रुपए बाकी है।

गांव कनेक्शन को फोन पर अवतार सिंह बताते हैं, "बजाज हिन्दुस्थान चीनी मिल को साल 2020- 2021 में 3000 कुंतल गन्ना बेचा था, जिसमें कुछ भुगतान हुआ था। लेकिन करीब साढ़े आठ लाख रुपए अभी भी बाकी है।"

अवतार सिंह के मुताबिक उनकी मां तेजेंदर कौर (60 वर्ष) के दिल मे सुराख है और कूल्हे का ऑपरेशन भी होना है, जिसमे तक़रीबन 5 लाख रुपये का खर्च आ रहा है, इसके अलावा पैसे न मिलने से खेती पर भी असर पड़ रहा है।

अवतार सिंह कहते हैं, "रबी का सीजन चल रहा है। डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। बच्चे की फीस नहीं दे पा रहे। इलाज के लिए मां को दिल्ली नहीं ले जा पा रहे। मुनाफा तो दूर की बात चीनी मिल हमारा गन्ने का भुगतान ही समय से कर दे तो बकायेदारी न हो। इस बार हम लोग मजबूरन गन्ने को चीनी मिल में न बेच करके औने पौने दामो पर गुड़ बेल पर बेचने के लिये मजबूर है।"

गन्ना भुगतान को लेकर किसानों पिछले दिनों गन्ना समिति पर ताला लगा दिया था।

बिजुआ ब्लॉक में बिन्दुवा फार्म किसान अजित सिंह कलेर का भी बजाज चीनी मिल पर लाखों रुपए बाकी हैं। वो गांव कनेक्शन को बताते हैं, "13 एकड़ जमीन में से 7 एकड़ में गन्ना है। पिछले साल 3300 कुन्तल गन्ना बेचा था, लेकिन मुझे सिर्फ ढाई लाख का भुगतान हुआ है। बाकी पैसा बाकी है। भुगतान न होने से हमारे परिवार तनाव में जीने को मजबूर है। यहां तक कि हमारे बच्चों को फीस न होने पर स्कूल के बाहर खड़ा किया जाता है।"

गन्ने के बकाया भुगतान को लेकर पिछले दिनों सैकड़ों किसानों ने भीरा गन्ना समिति पर ताला जड़ दिया था। किसानों ने ये भी कहा था कि जब तक बकाए का भुगतान नहीं हो जाता वो गन्ना मिल को नहीं देंगे।


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