एक बाइक पर बैठे थे पांच लोग, हादसे में सभी की मौत 

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एक बाइक पर बैठे थे पांच लोग, हादसे में सभी की मौत घटनास्थल पर पहुंची पुलिस। 

तिर्वा (कन्नौज)। हर सड़क हादसे हमेशा भारी वाहनों की गलती से ही नहीं होते हैं। कभी-कभी दोपहिया चालकों की लापरवाही से भी एक्सीडेंट होते हैं। जनपद में नियमों को ताक पर रखकर वाहन चलाने से पांच लोगों की मौत हो गई। एक बाइक पर बैठे पांच लोग काल के गाल में चले गए। कन्नौज में तिर्वा के पास सड़क हादसे बाइक सवार एक परिवार के पांच लोगों की मौत हो गयी। पाचों लोग एक ही बाइक पर सवार होकर तिर्वा स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे थे, सामने से आ रहे ट्रक ने बाइक को टक्कर मार दी। मरने वालों में दो युवक, एक महिला और दो बच्चे शामिल हैं।

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ट्रैफिक नियम का नहीं करते पालन

कन्नौज के ट्रैफिक इंचार्ज गीतम सिंह बताते हैं, ‘‘नियम तो बहुत बने हैं, नियमों का उल्लंघन होता है। वाहनों में भी खराबी होती है। चालक भी लापरवाही बरतते हैं। कई लोग शराब पीकर तो कई बिना डीएल के गाड़ी चलाते हैं। कई वाहन चलाने वाले प्रशिक्षित भी नहीं हैं।’’ कई स्थानों और मोड़ पर गति भी निर्धारित लिखी होती है, लेकिन फिर भी लोग ध्यान नहीं देते हैं। मानवीय भूल से भी सड़क हादसे होते हैं। वाहन चलाते समय या मार्ग पार करते वक्त कान में लीड या मोबाइल लगाना भी गलत है। तगड़े से अभियान चलता है लेकिन फिर भी लोग लापरवाही बरतते हैं। पब्लिक मानती नहीं है।’उन्होंने आगे बताया, तिर्वा क्षेत्र में एक बाइक पर पांच लोग बैठे थे। वाहन की टक्कर से सभी लोग खत्म हो गए। दोपहिया वाहन पर दो लोगों के बैठने का नियम है।

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मृतकों के घर के बाहर पसरा सन्नाटा।

तिर्वा कोतवाली के बलनपुर गांव निवासी सर्वेश बाइक से अपनी बेटी शिल्पी, उसके दो बच्चों सृष्टि व परिश्रम को लेकर तिर्वा स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर जा रहे थे। बाइक पर सर्वेश का साला कानपुर देहात निवासी अजयपाल भी था। तिर्वा से तीन किलोमीटर पहले बेला रोड पर पेट्रोल पम्प के सामने तेज रफ़्तार ट्रक ने उनको रौंद दिया। मौके पर ही सभी की मौत हो गई। हादसे की सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिस का अमला भी मौके पर पहुंच गया।

स्पीड और ओवरलोड से होते हादसे

बलनपुर निवासी 40 वर्शीय संजय कुमार बताते हैं, ‘‘अक्सर ट्रक जो आते हैं उन पर किसी भी अधिकारी का कंट्रोल नहीं है। वह स्पीड में चलते हैं। ओवरलोड भी होते हैं। फुटपाथ पर कोई कंडा पाथता है तो कोई जानवर तो कई लोग वाहन खड़े कर देते हैं। खूटे भी गड़े हैं। फुटपाथ खाली होता तो बाइक को जगह मिल जाती और जान बच जाती है।’’ लापरवाही और तेजगति से वाहन चलाने की वजह से इससे पहले भी हादसे हो चुके हैं। बात अगर आगरा-लखनऊ प्रवेष नियंत्रित एक्सप्रेस-वे की हो तो अब तक करीब एक सैकड़ा लोगों की जान जा चुकी है। अधिकतर में हादसों का कारण वाहन चलाते वक्त झपकी लेना, तेज गति से चलने की वजह से असंतुलित होना या आग लगना है।

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