बाढ़ से निपटने को प्रशासन तैयार, बाढ़ चौकियों में सभी जरूरी उपकरणों को रखने के निर्देश

स्वास्थ्य मंत्री ने बाढ़ से प्रभावित जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए दिए निर्देश, आम जनता को कंट्रोल रूम के नम्बरों की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए

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बाढ़ से निपटने को प्रशासन तैयार, बाढ़ चौकियों में सभी जरूरी उपकरणों को रखने के निर्देश

लखनऊ। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित 'बाढ़ चौकियों' पर कंट्रोल रूम का मोबाइल नंबर और लैंडलाइन नंबर सही ढंग से प्रदर्शित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कंट्रोल रूम नंबर्स का विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए, जिससे इसकी जानकारी आम जनता को हो सके। सिंह ने कहा की बारिश के दृष्टिगत अस्पतालों में साफ़-सफाई की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। बाढ़ पीड़ितों को आवश्यकतानुसार 102 और 108 एम्बुलेंस की सेवा प्रत्येक दशा में उपलब्ध कराई जाए। अस्पतालों में बाढ़ का पानी नहीं घुसना चाहिए। यदि पानी आ गया तो तत्काल उसकी निकासी का प्रबंध कराया जाए।

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स्वास्थ्य मंत्री योजना भवन में मंगलवार को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए बाढ़ से प्रभावित जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि पर्याप्त मात्रा में दवाइयों (जैसे- एंटी स्नेक वेनोम, क्लोरीन टेबलेट्स, ओआरएस, पेरासिटामोल, ब्लीचिंग पाउडर, एंटी रेबीज़ वैक्सीन आदि) की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। साथ ही इंट्रा वेनस फ्लूइड दवाई की बिल्कुल भी कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की समस्त रिपोर्ट शाम 4 बजे तक शासन को उपलब्ध कराएं, जिससे शासन स्तर से मॉनिटरिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में विद्युत दुर्घटना न हो, इसके लिए उचित कदम उठाये जाएं। बाढ़ चौकियों पर तैनात किये गए कर्मचारी टीम भावना के साथ कार्यरत रहें और अपने दायित्यों का निर्वहन पूरी इमानदारी एवं निष्ठा से करें।

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राज्य सरकार बालू, मौरंग, गिट्टी के मूल्य नियंत्रण के प्रति संवेदनशील

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शास्त्री भवन में भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा राज्य में खनन पट्टों के आवंटन, पर्यावरणीय क्लीयरेन्स एवं खनन प्रारम्भ होने तक की प्रक्रिया की समीक्षा से सम्बन्धित प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया। प्रस्तुतिकरण के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बालू, मौरंग, गिट्टी जैसे खनिजों के मूल्य नियंत्रण के प्रति अत्यन्त संवेदनशील है। राज्य सरकार इन खनिजों की कृत्रिम कमी पैदा करके मुनाफा कमाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन खनिजों के अवैध भण्डारण को रोका जाए और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने इन खनिजों के मौजूदा भण्डारण का हर हाल में उपयोग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खनन पट्टों के आवंटन, पर्यावरणीय क्लीयरेन्स एवं खनन प्रारम्भ होने तक की प्रक्रिया के सम्बन्ध में आवश्यक कदमों को उठाते हुए त्वरित कार्यवाही की जाए।

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