यूपी: एक ही सिरिंज के इस्तेमाल से पचास से अधिक लोगों को हो गया एचआईवी संक्रमण 

Shrivats AwasthiShrivats Awasthi   9 Feb 2018 12:51 PM GMT

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यूपी: एक ही सिरिंज के इस्तेमाल से पचास से अधिक लोगों को हो गया एचआईवी संक्रमण यूपी के उन्नाव में एचआईवी संक्रमण

दस रुपए में झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराने वालों को ये नहीं पता था कि एक दिन एक ही गाँव के पचास से अधिक लोगों को एचआईवी का संक्रमण हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नवंबर में लगाए जांच शिविर में मामला सामने आया।

उन्नाव जिले के बांगरमऊ के शिवबख्शखेड़ा गाँव का झोलाछाप डॉक्टर राजेश कस्बे के स्टेशन रोड पर दस रुपए में इलाज करता था। दस रुपए के बदले वह मरीजों को तीन खुराक दवा और एक इंजेक्शन भी लगाता था। एक ही सिरिंज के कई बार प्रयोग से अधिकतर लोग एचआईवी की चपेट में आए हैं। बड़ी संख्या में बच्चों और बड़ों में एचआईवी की पुष्टि होने के बाद लोग झोलाछाप राजेश के बारे में खुलकर बोलने लगे हैं। उधर मामला तूल पकडऩे के बाद पुलिस ने बुधवार सुबह करीब तीन बजे राजेश को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।

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एक साल के भीतर बांगरमऊ में एचआईवी के 76 केस सामने आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। लोगों का आरोप है कि बांगरमऊ को स्टेशन रोड और पलिया गाँव में छप्पर के नीचे अपनी दुकान लगाकर लोगों का दस रुपए में इलाज करने वाले राजेश ने अधिकतर लोगों को एचआईवी का शिकार बना दिया।

शासन स्तर तक मामला पहुंचने के बाद बांगरमऊ पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने के छह दिन बाद बुधवार सुबह करीब तीन बजे झोलाछाप राजेश को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसे बांगरमऊ कोतवाली के बजाए माखी थाने में रखा और बुधवार देर शाम उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की।

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राजेश ने पूछताछ में बताया कि बांगरमऊ कस्बे में वह पहले एक डॉक्टर के पास सहायक का काम करता था। तीन साल तक उसने डॉक्टर के साथ काम किया। इस दौरान उसे अधिकतर दवाओं की जानकारी हो गई। जिस पर उसने स्टेशन रोड पर अपना दवाखाना खोल लिया।

नाम न छापने की शर्त पर क्षेत्र के लोगों ने बताया कि राजेश प्रत्येक मरीज से दस रुपये लेता था। दस रुपये के बदले वह तीन खुराक दवा देता था। साथ ही सभी मरीजों को एक इंजेक्शन भी लगाता था। दस रुपये में इलाज होने से उसके दवाखाना पर हर समय सैकड़ों की संख्या में मरीज आते थे। हालांकि राजेश का कहना है कि वह ग्लास सिरिंज को अच्छी तरह से उबालने के बाद ही प्रयोग करता था या फिर मरीजों से ही डिस्पोजल सिरिंज मंगवाता था।

झोलाछाप राजेश ने बताया कि उसने 25 जुलाई 2017 को ही अपनी दवाखाना बंद कर दिया था। प्रतिस्पर्धा में कुछ लोगों ने उसे फंसाने के लिए उस पर आरोप लगाए हैं।

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दो स्थानों पर चलाता था दवाखाना

राजेश बांगरमऊ कस्बे में स्टेशन रोड पर एक खंडहरनुमा भवन में दवाखाना चलाता था। आसपास के लोगों के अनुसार दवाखाना में किसी भी तरह का बोर्ड नहीं लगाया गया था। यहां एक मेज डालकर ही राजेश दवाएं देता था। स्टेशन रोड पर राजेश दोपहर में दवाखाना खोलता था। जबकि इससे पहले वह पलिया में दवाखाना चलाता था।

राजेश के कारनामों से हैरान हुए लोग

शिवबख्शखेड़ा निवासी राजेश के पेशे से उसके गांव के लोग अंजान थे। मंगलवार रात राजेश की गिरफ्तारी ने उसके कारनामों की पोल खोल दी। बुधवार सुबह से ही पुलिस के अलावा मीडियाकर्मियों ने उसके गांव में डेरा डाल लिया था। इस दौरान गाँव के लोगों ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि राजेश दवाखाना चलाता है।

इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत हुई कार्रवाई

सीएचसी प्रभारी डॉ. प्रमोद दोहरे ने जिलाधिकारी डॉ. रवि कुमार एनजी के आदेश पर झोलाछाप राजेश के खिलाफ लाइलाज बीमारी का संक्रमण फैलाने व इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।

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आईसीटी सेंटर का नाको व यूपीसेक टीम ने किया निरीक्षण

बांगरमऊ में संक्रमित सुई से एचआईवी फैलने की खबर पर बुधवार को राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण सोसाइटी और राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी की संयुक्त टीम जिला अस्पताल के आईसीटी सेंटरों का निरीक्षण किया। इसके साथ ही जिले में एड्स के मरीजों से संबधित जानकारी जुटाई। जिला अस्पताल में निरीक्षण के बाद टीम ने सीएमओ से बांगरमऊ में अब तक किए गए प्रयासों की भी जानकारी ली।

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नाको (नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन) की डा. आशा हेगड़े और यूपीसेक(यूपी एड्स कंट्रोल सोसायटी) की प्रभारी डा. प्रति पाठक, अपर निदेशक डा. अजय शुक्ल, संयुक्त निदेशक डा. अरुण कुमार सिंघल बुधवार दोपहर जिला चिकित्सालय पहुंचे। पुरुष और महिला अस्पताल में उन्होंने एचआईवी से पीडि़त मरीजों के आंकड़े देखे।

पुरुष अस्पताल में काउंसलर पंकज शुक्ल और वसीम से रोगियों की जानकारी ली। यहां उन्हें बताया गया कि बांगरमऊ के 13 मामले उनके सेंटर पर दर्ज हैं। महिला अस्पताल में अप्रैल से दिसंबर के मध्य 10 गर्भवती समेत 22 एचआईवी पॉजटिव रोगी मिलने की बात बताई गई।

डॉ. हेगड़े और डॉ. पाठक ने पुरुष अस्पताल में बांगरमऊ से आए मरीजों की काउंसिलिंग की जानकारी ली। काउंसलर पंकज ने बताया कि एक दंपति ने संक्रमित सुई लगाने की शिकायत की थी। शिकायत पर तत्कालीन सीएमएस को मामले से अवगत करा दिया गया था।

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अस्पताल के निरीक्षण के बाद टीम टीम ने सीएमओ डॉ. एसपी चौधरी से बांगरमऊ में अब तक हुई काउंसिलिंग की जानकारी ली। यहां से टीम बांगरमऊ के लिए रवाना हो गई। टीम में शामिल राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी की प्रभारी डॉ. पाठक ने कहा कि अब बांगरमऊ में एचआईवी के मामले और न बढऩे पाए इसके प्रयास किए जाएंगे। प्रत्येक व्यक्ति की काउंसलिंग कराने के साथ ही लोगों को जागरुक किया जाएगा।

सीएचसी प्रभारी के बयान से भड़की महिलाएं, नारेबाजी

बांगरमऊ पहुंची नाको और यूपीसेक की टीम ने बांगरमऊ स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा. प्रमोद दोहरे से बंद कमरे में पूछताछ की। इस दौरान प्रभारी ने देह व्यापार से क्षेत्र में एचआईवी के मामले बढऩे की बात कही। प्रभारी के बयान से गुस्साई महिलाओं ने सीएचसी का घेराव कर हंगामा शुरू कर दिया। महिलाओं का आरोप है कि प्रभारी झोलाछाप को चार सालों से शह दे रहा था। इससे पूर्व प्रेमगंज में भी लोगों ने प्रभारी के विरोध में हंगामा किया।

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नाको टीम ने प्रेमगंज पहुंचते ही सीएचसी प्रभारी डॉ.प्रमोद दोहरे को मौके पर बुला लिया था। प्रमोद दोहरे से टीम ने प्राथमिक विद्यालय में पूछताछ की। इस दौरान क्षेत्रीय लोगों ने विद्यालय के बाहर हंगामा शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि पूछताछ में प्रभारी डा. प्रमोद दोहरे ने क्षेत्र में देह व्यापार से एचआईवी फैलने की बात कही। इसकी जानकारी जैसे ही महिलाओं को हुई वह सीएचसी पहुंच गई और घेराव कर लिया। इस दौरान नारेबाजी करते हुए चिकित्साप्रभारी को सीएचसी से बाहर निकालने का दबाव डाला। महिलाओं का आरोप था कि प्रभारी झोलाछाप से हर रोज पांच सौ रुपये लेता था। इसके बदले वह उन्हें काम करने का मौका देता था। सीएचसी के बाहर एक घंटे तक हंगामा चलता रहा।

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असुरक्षित यौन संबध से भी हुआ एचआईवी

बांगरमऊ में अब तक मिले एचआईवी रोगियों की काउंसिलिंग करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के अनुसार क्षेत्र में ऐसे लोगों की संख्या अधिक है जिन्हें संक्रमित सुई से एचआईवी हुआ। हालांकि ऐसे भी लोग हैं जो कमाई के सिलसिले में गैर प्रांत गए थे और वह वहीं एचआईवी की चपेट में आ गए।

बांगरमऊ में कब क्या हुआ

  • एनजीओ के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग ने 23 नवंबर 2017 में प्रेमगंज में जांच शिविर लगाया था।
  • शिविर में 119 लोगों ने जांच कराई थी, जिसमें 13 एचआईवी पाजिटिव मिले थे।
  • 25 नवंबर को क्षेत्रीय लोगों ने झोलाछाप पर एक ही सिरिंज का प्रयोग करने की शिकायत दर्ज कराई।
  • 28 नवंबर को सीएमओ ने दो डिप्टी सीएमओ को मामले की जांच सौंपी।
  • जांच में मरीजों का बयान लेकर सीएमओ को रिपोर्ट सौंपी गई, साथ ही दोबारा शिविर लगाने की आवश्यकता जताई गई।
  • 24 जनवरी को सीएमओ के आदेश पर किरमिदियापुर में कैंप लगाया गया, यहां 8 में 3 एचआईवी पाजिटिव निकले।
  • 25 जनवरी को प्रेमगंज में कैंप में 286 ने जांच कराई, जिनमें 25 लोगों को एचआईवी पाजिटिव पाया गया।
  • 27 जनवरी को चकमीरापुर में लगे कैंप में 196 में 10 लोग एचआईवी पाजिटिव पाए गए।
  • 29 जनवरी को एसीएमओ डा. तन्मय कक्कड़ ने राजेश के खिलाफ एफआईआर के लिए तहरीर दी।
  • 31 जनवरी की रात पुलिस ने आरोपी राजेश पर मुकदमा दर्ज किया।
  • 6 फरवरी की रात पुलिस ने राजेश को उसके घर से गिरफ्तार किया।

      

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