स्कूल की फीस नहीं दे पायी थी, घर आकर लगा ली फांसी 

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स्कूल की फीस नहीं दे पायी थी, घर आकर लगा ली फांसी प्रतीकात्मक तस्वीर।

औरैया। फीस जमा न होने पर प्रधानाचार्या द्वारा छमाही की परीक्षा से वंचित किये जाने पर इंटर की छात्रा ने आत्महत्या करने के इरादे से फांसी पर झूल गई। लोगों ने छात्रा को फंदे से नीचे उतारा और अस्पताल में भर्ती कराया। जहां छात्रा की हालत गंभीर बनी हुई है।

जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर रामपुर बैहारी निवासी ब्रजेश कुमार की 17 वर्षीय पुत्री प्रियंका श्रीराम शंकर गौरी शंकर इंटर कालेज में कक्षा बारह में अध्यनरत है। छमाही की परीक्षा मंगलवार से शुरू हो गई है। परीक्षा देने कालेज पहुंची छात्रा को प्रधानाचार्य ने फीस जमा न होने की वजह से परीक्षा से वंचित करते हुए भगा दिया। परीक्षा से वंचित किये जाने का सदमा छात्रा सह न सकी और घर जाकर कमरे में आत्महत्या करने के लिए फांसी के फंदे पर झूल गई। प्रियंका के फांसी के फंदे पर झूलते ही मां ने देख लिया। चीखने-चिल्लाने पर मोहल्ले के लोग इकटठा हो गये। किसी लोगों ने दरवाजा तोडकर छात्रा को फांसी के फंदे से नीचे उतार लिया।

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प्रियंका के पिता ने छात्रा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां छात्रा की हालत चिंता जनक बनी हुई है। छात्रा के पिता ब्रजेश कुमार ने बताया ”मेरी आर्थिक स्थिति सही नहीं है फीस जमा करने में देरी होने पर मैंेने कुछ दिन बाद देने की बात कही, लेकिन प्रधानाचार्य ने एक भी नहीं मानी। और मेरी पुत्री को स्कूल से भगा दिया। इससे परेशान होकर फांसी के फंदे पर झूल गई।” पीड़ित परिवार का कहना है कि अगर मेरी पुत्री के साथ अनहोनी हुई तो स्कूल प्रबंधन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करायेंगे।

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मैंने स्कूल से भगाया नहीं फीस मंगाई थी

प्रधानाचार्य एसके मिश्रा ने बताया, ”मैंने स्कूल से छात्रा को भगाया नहीं है बल्कि बकाया फीस लेने के लिए भेजा था। स्कूल के काफी छात्र-छात्राओं की फीस बकाया पडी हुई है। अगर उसके पास फीस नहीं थी तो वापस आ जाती है। और भी छात्रों को फीस लेने भेजा गया सभी वापस आ गये और परीक्षा दी।”

डीआईओएस को सौंपी गई जांच

डीएम श्रीकांत मिश्रा ने बताया, ”परिजन अभी शिकायत लेकर नहीं आये है लेकिन फिर भी मामले की जानकारी मुझे हो गई है। डीआईओएस चंद्र प्रताप को जांच के लिए आदेश दे दिया है। दोषी मिलने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जायेगा।”

    

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