उन्नाव गैंग रेप मामले में एसआईटी की रिपोर्ट आज, कड़ा फैसला ले सकती है योगी सरकार

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उन्नाव गैंग रेप मामले में एसआईटी की रिपोर्ट आज, कड़ा फैसला ले सकती है योगी सरकारसाभार: इंटरनेट।

उन्नाव गैंग रेप मामले में योगी सरकार आज शाम तक कोई बड़ा कदम उठा सकती है। योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित की गई एसआईटी टीम आज शाम तक अपनी रिपोर्ट योगी सरकार को सौंपेगी। बतादें कि रविवार को पीड़ित किशोरी के मुख्यमंत्री आवास के समीप आत्मदाह की कोशिश के बाद से ही इस मामले में कड़े कदम की संभावना जताई जाने लगी थी।

सोमवार को पीड़िता के पिता की मौत के बाद सायंकाल विधायक कुलदीप सेंगर मुख्यमंत्री से मिलने भी पहुंचे थे। मंगलवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जिस तेजी से पुलिस ने कदम उठाए हैं उससे भी इस प्रकरण में सख्त कदम के संदेश मिले हैं। एसआईटी में शामिल एडीजी राजीव कृष्ण बुधवार सुबह उन्नाव के माखी गांव पहुंचेंगे। सायंकाल तक उनकी रिपोर्ट आ जाने की संभावना है। इसके बाद विधायक समेत कई अधिकारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने की संभावना है।

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विधायक का भाई गिरफ्तार

पुलिस ने आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर समेत 5 लोगों को कल गिरफ्तार कर लिया था। अतुल सिंह पर रेप पीड़िता के पिता के साथ मारपीट का आरोप है। अतुल सिंह पर पीड़िता के पिता की मौत के मामले में हत्या की धारा 302 भी लगा दी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक पिटाई से पीड़िता के पिता की बड़ी आंत फट गई थी जिसके कारण उसकी मौत हो गई।

6 पुलिस अधिकारी सस्पेंड

इस मामले में यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने दावा किया है कि पीड़ित के पिता की मौत पुलिस थान में नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा है कि इस मामले में अब तक 6 पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि पीड़ित के पिता को पुलिस ने हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

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मानवाधिकार आयोग ने जताई नाराजगी

उन्नाव में दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली किशोरी के पिता की न्यायिक अभिरक्षा में मौत की सूचना 24 घंटे में न दिए जाने पर राष्ट्रीय व उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी से नाराजगी जताई है।

आयोग ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रकरण को बेहद दुखद एवं गंभीर कहा है और मुख्य सचिव व डीजीपी से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नोटिस देकर चार सप्ताह में जवाब तलब किया है तो राज्य मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव को पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराकर 15 दिनों में अपनी स्पष्ट टिप्पणी के साथ आख्या देने का निर्देश दिया है।

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