एंबुलेंस न मिलने पर कंधे पर लादा पत्नी का शव, राहगीरों ने चंदा कर टेम्पो से शव पहुंचवाया घर

Kushal Mishra | May 08, 2018, 14:00 IST
Health
उत्तर प्रदेश में सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं एक बार फिर शर्मसार करने वाली दिखीं। बदायूं जिले में जिला अस्पताल में एक महिला की मौत के बाद शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस का इंतजाम न किए जाने पर पति को पार्थिव शरीर को अपने कंधे पर लादकर ले जाना पड़ा। जब राहगीरों और दुकानदारों ने सड़क पर चलते देखा तो उन्हीं लोगों ने चंदा जुटा टेम्पो के जरिए शव उसके घर पहुंचवाया। प्रकरण के जांच के आदेश दिए गए हैं।

जानकारी के अनुसार, बदायूं के मूसाझाग क्षेत्र के मझारा गांव की महिला मुनीशा को जिला अस्पताल में उसके पति सादिक ने सोमवार सुबह भर्ती कराया था। मंगलवार दोपहर मुनीशा की मौत हो गई। सादिक ने अस्पताल प्रशासन से शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की, मगर वाहन का इंतजाम नहीं हुआ।

सादिक के पास कथित रूप से इतने पैसे नहीं थे कि शव को किसी निजी वाहन से घर ले जा सके। इस पर सादिक अपनी पत्नी के शव को अपने कंधे पर ही रखकर अस्पताल से चला गया। रास्ते में सादिक को शव कंधे पर लेकर निकलते देख आसपास के दुकानदारों और राहगीरों ने चंदा एकत्र करके टेम्पो से शव घर पहुंचवाया।

जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नेमि चंद्रा ने बताया, “हमें मीडिया से इस मामले की जानकारी मिली है। ऐसा आरोप है कि सादिक ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉक्टर आरएस यादव को पत्र लिखकर एम्बुलेंस की मांग की, लेकिन वाहन का इंतजाम नहीं हुआ। इस पर सादिक अपनी पत्नी के शव को अपने कंधे पर ही रखकर अस्पताल से चला गया।“

चंद्रा ने बताया,”उन्होंने इस बारे में सीएमएस यादव से पूछा तो पता लगा कि सादिक एम्बुलेंस के लिए दरख्वास्त देने के कुछ ही देर बाद वहां से चला गया था। जब अस्पताल में उसकी तलाश की गई तो वह नहीं मिला।“

बहरहाल, चंद्रा ने कहा, “जिला अस्पताल द्वारा शव को पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध ना कराना बहुत बड़ी और अक्षम्य लापरवाही है। मामले की एक कमेटी से जांच करवायी जाएगी और दोषी कर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा। जिला अस्पताल के सीएमएस को इस सिलसिले में नोटिस दिया गया है।“

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