‘बुंदेलखंड की हालत को छिपा रही प्रदेश सरकार’

Update: 2016-01-18 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

लखनऊ| बुंदेलखंड को सूखाग्रस्त घोषित कर प्रदेश सरकार ने जहां किसानों की अकाल की हालत को छिपा रही है| वहीँ दूसरी तरफ अकाल की वजह से बुंदेलखंड के 37 हजार लोग हर रोज दिल्ली तथा अन्य जगह रोजी रोटी के लिए पलायन कर रहे हैं | जैपलिंग रोड पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगते हुए ये बात कहीं|

उन्होंने बताया, ‘‘जहां सामान्य से 20 फीसदी कम वर्षा होती है, उस क्षेत्र को सूखा ग्रस्त माना जाता है लेकिन बुंदेलखंड में सामान्य से 80 फीसदी कम वर्षा हुयी है| इसकी वजह से 92 फीसदी फसल उजड़ चुकी है लेकिन प्रदेश सरकार बुंदेलखंड की अकाल हालत को छिपा रही है|’’

पाटकर ने रेलवे का आंकड़ा देते हुए बताया, ‘‘37 हजार से अधिक लोग सूखे की मार की वजह से रोज दिल्ली को जा रहे हैं |’’

तारा पाटकर ने प्रदेश सरकार से बुंदेलखंड पैकेज में हुयी धांधली की सीबीआई जाँच की मांग की है, जिसे केंद्र सरकार ने 2009 में बुंदेलखंड को 7200 करोड़ रुपये का पैकेज दिया था| इस पैकेज में यूपी के सात और एमपी के छह जिले शामिल थे|

महोबा में बनी 25 सब्जी मंडिया सूखे की वजह से बंद होने की कगार पर पहुँच गयी हैं| बुंदेली संरक्षक बीके श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘बुंदेली समाज अब नहीं चाहता यहां भूख प्यास की नुमाइश लगे और राजनेता हाथ में मिनरल बाटल लेकर आये| अगर बुंदेलखंड की जनता से राजनेताओ को प्यार है तो वो यही का पानी और यही का खाना खाए नहीं तो यहां न आये|’’ पाटकर ने सरकार से मांग की कि इस बार बुंदेलखंड के बजट में निगरानी कमेंटी का गठन किया जाना चाहिए|

रिपोर्टर- अविनाश सिंह

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