केंद्र सरकार ने संदेह जताया है कि मौजूदा कृषि विकास दर के हिसाब से 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो पायेगी। राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने यह बात कही। उनसे समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने सवाल पूछा था।
रामगोपाल यादव ने पूछा था कि क्या मौजूदा कृषि विकास की दर के हिसाब से 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। उन्होंने पूछा कि कृषि में शामिल मत्स्य पालन, डेयरी उत्पादन, वानिकी और खेती पर आधारित मौजूदा कृषि विकास की दर चार फीसदी ही है, ऐसे में इतने कम समय में किसानों की आय दो गुनी कैसे होगी ?
रामगोपाल यादव ने यह भी पूछा कि आर्थिक सर्वेक्षण की मानें कृषि में शामिल इस चार कार्यों पर आधारित कृषि विकास दर लगभग चार प्रतिशत ही है जबकि विशुद्ध खेती पर आधारित कृषि विकास दर दो प्रतिशत से भी कम है।
इसके जवाब में केन्द्रीय कृषि मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार हर तरह से प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार ने कृषि कार्य में पशु पालन, मधुमक्खी और मत्स्य पालन, बागवानी, वानिकीकरण आदि कामों को शामिल करते हुए इसमें किसान सम्मान योजना और अन्य कृषि कल्याण योजनाओं के सामूहिक लाभ से किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास कर रही है।
इसके आगे उन्होंने बताया कृषि से जुड़े अन्य पहलुओं को शामिल किये बिना मौजूदा कृषि विकास दर पर 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, ये कहना मुश्किल है।
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केंद्र की मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल से ही कहती आ रही है कि वे 2022 तक किसानों की आय दो गुनी कर देंगे। इस साल बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि यह उनकी प्राथमिकता है। इसके साथ ही उन्होंने यह घोषणा भी की थी कि केंद्र कृषि क्षेत्र से जुड़े बुनियादी ढांचे पर भारी निवेश करेगी। हालाँकि कृषि मामलों के जानकार पहले से ही कहते आ रहे हैं कि 2022 किसानों की आय दो गुनी करना मुश्किल है।
जिनके नाम जमीन, उन्हें ही मिलेगा किसान योजना का लाभ
राज्यसभा में एक अन्य सवाल के जवाब में पुरुषोत्तम रूपाला ने स्पष्ट करते हुए कहा कि किसान सम्मान योजना में फ़िलहाल मालिकाना हक रखने वाले किसानों को ही लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि जो किसान किराये पर खेती करते हैं, कृषि मजदुर हैं या किसी अन्य रूप में खेती करते हैं, उन्हें श्रमयोजना योजना के तहत पेंशन दी जाएगी।