सिर्फ एक वर्ष में 1.36 लाख करोड़ रुपए का कालाधन भारत से गया बाहर

Update: 2017-05-03 15:23 GMT
साभार इंटरनेट।

नई दि‍ल्‍ली। भारत में कालेधन को वापस लाने की बात काफी समय से हो रही है, लेकिन आप को क्या ये पता है कि भारत से कितना कालाधन बाहर विदेशों में गया है। चलिए आप को हम बताते हैँ कि वर्ष 2014 में 21 अरब डॉलर यानी करीब 1.36 लाख करोड़ रुपए की ब्‍लैकमनी भारत से बाहर गई। हाल ही में जारी ग्‍लोबल फाइनेंशि‍यल इंटिग्रि‍टी (GFI) ने एक रि‍पोर्ट में यह दावा कि‍या गया।

2013 के मुकाबले 19 फीसदी ज्यादा

रि‍पोर्ट के मुताबि‍क, 2014 में भारत से जो ब्‍लैकमनी बाहर गई, वो 2013 के मुकाबले 19 फीसदी ज्यादा थी। जीएफआई ने पहली बार ब्‍लैकमनी के इनफ्लो की जानकारी भी दी है, जो उतनी ही खतरनाक है, जि‍तनी ब्‍लैकमनी का देश से बाहर जाना।

6.38 लाख करोड़ की ब्लैकमनी देश में आई

रि‍पोर्ट के मुताबि‍क, वर्ष 2014 में 101 अरब डॉलर यानी करीब 6.38 लाख करोड़ रुपए की ब्लैकमनी भारत में आई, जो कि‍ 2013 के मुकाबले 11 फीसदी ज्‍यादा था।

विकासशील देश से बाहर जा रहा पैसा

रि‍पोर्ट में अंदाजा लगाया गया है कि‍ 620 से 970 अरब डॉलर तक पैसा विकासशील देश से बाहर गया और ये सब व्‍यापारि‍क धोखाधड़ी के जरि‍ए कि‍या गया। ब्लैकमनी का इनफ्लो 1.4 से 2.5 लाख करोड़ डॉलर तक आंका गया है। विकासशील देश ने 2005 से लेकर 2014 तक जि‍तना भी कमाया, उसका 14 से 24 फीसदी हि‍स्‍सा ब्लैकमनी के रूप में इधर-उधर हुआ। इस साल जीएफआई की रि‍पोर्ट ने डाटा जुटाने और उन्‍हें एनालाइज करने के लि‍ए कड़े नियामों को अपनाया। इन्‍होंने इंटरनेशनल ट्रेड और बैलेंस ऑफ पेमेंट के डाटा अध्ययन कि‍या।

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बिजनेस की आड़ में होती है हेर-फेर

रि‍पोर्ट के मुताबि‍क, दुनि‍या में कालेधन का 87 फीसदी हेर-फेर बिजनेस की आड़ में होता है। रि‍पोर्ट को तैयार करने के लि‍ए आईएमएफ के डायरेक्‍ट ट्रेड के डाटा के अलावा अन्‍य सोर्सेस से भी जानकारी जुटाई गई। सोने के एक्‍सपोर्ट के स्‍वि‍स डाटा को शामि‍ल करने से भारत से रुपया बाहर जाने और भारत में रुपया आने के डाटा में बड़ा बदलाव हुआ। पहले इस डाटा को छोड़ दि‍या जाता था।

ऐसे करता है काम

पैसा देश से बाहर भेजना चाहते हैं, तो आप वि‍देश से कुछ ऑर्डर करते हैं और आपको उसका एक भारी-भरकम बि‍ल मि‍ल जाता है। वि‍देश में बैठे अपने साथी को बि‍ल चुका देने के बाद एक्‍स्‍ट्रा पैसा आपके नाम पर अलग रख लि‍या जाता है। इसी तरह से कई बार में काफी पैसा बाहर जमा हो जाता है। अगर पैसा मंगाना है, तो इसी प्रॉसेस को उलटा कर दि‍या जाता है। बि‍ना टैक्‍स चुकाए पैसा इधर से उधर हो जाता है। इस लेन-देन को पकड़ने और रोकने के लि‍ए रि‍पोर्ट में ट्रेड डील्‍स की सख्‍त नि‍गरानी और ट्रेंड कस्‍टम स्‍टाफ पर जोर दि‍या गया है। इसके अलावा, अन्‍य देशों और बैंकों से सहयोग की जरूरत भी बताई गई है।

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