बीएसएफ का पूर्व जवान होगा वाराणसी से गठबंधन का प्रत्याशी
तेज बहादुर ने सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में बीएसएफ की ओर से जवानों को उपलब्ध कराए जाने वाले खाने में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।
लखनऊ। सेना में खराब खाना दिए जाने का वीडियो वायरल करने वाले बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर वाराणसी से सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी होंगे। वह पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले सपा से शालिनी यादव को पार्टी ने मैदान में उतारा था, लेकिन दो दिन बाद उम्मीदवार बदलते हुए तेज बहादुर को टिकट दे दिया गया।
तेज बहादुर यादव पिछले कई दिनों से पीएम मोदी के खिलाफ जोरदार प्रचार कर रहे थे। चुनाव लड़ने के लिए जाते वक्त उन्होंने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा था कि यह लड़ाई असली चौकीदार और नकली चौकीदार के बीच की है। तेज बहादुर निर्दल प्रत्याशी के रूप में भी अपना पर्चा दाखिल कर चुके थे। नामांकन से पहले उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी की।
इससे पहले कांग्रेस की तरफ से भी पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाने की चर्चा चली थी। हालांकि बाद में कांग्रेस ने अजय राय को अपना उम्मीदवार बनाया, जो पिछले लोकसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे थे। तेज बहादुर के गठबंधन प्रत्याशी बनने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस भी उनका समर्थन कर सकती है।
इसी के साथ वाराणसी में मुकाबला दिलचस्प हो गया है। जहां भाजपा देश प्रेम और सेना के पराक्रम को हर जगह उठा रही है वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ एक बर्खास्त बीएसएफ का जवान मैदान में हैं। तेज बहादुर को पूर्व सैनिकों का भी समर्थन मिल रहा है।
तेज बहादुर ने सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में बीएसएफ की ओर से जवानों को उपलब्ध कराए जाने वाले खाने में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। तेज प्रताप ने वीडियो में पतली दाल भी दिखायी थी।
तेज बहादुर यादव हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले हैं। उन्होंने 9 जनवरी, 2017 को सेना में परोसे जा रहे खाने का वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था। इस वीडियो में उन्होंने शिकायत की थी कि जवानों को काफी खराब खाना परोसा जाता है। इसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। तेज बहादुर ने वीडियो में कहा था कि पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा समेत कई स्थानों पर इस प्रकार का खाना दिया जाता है और कई बार जवानों को भूखे पेट भी सोना पड़ता है।
वीडियो वायरल होने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जांच के आदेश दिए थे। इस बीच तेज बहादुर ने वीआरएस (Voluntary retirement scheme)के लिए आवेदन किया था, जिसे बीएसएफ ने स्वीकार नहीं किया। इसके बदले उन्हें निर्देश दिया गया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक वह बीएसएफ नहीं छोड़ सकते। इसके विरोध में तेज बहादुर राजौरी, दिल्ली स्थित बीएसएफ मुख्यालय में भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। हालांकि, बाद में बीएसएफ ने तेज बहादुर को बर्खास्त कर दिया गया। उन पर सीमा सुरक्षा बल का अनुशासन तोड़ने को लेकर जांच की गई।
बर्खास्त किए जाने के बाद तेजबहादुर ने फौजी एकता न्याय कल्याण मंच नामक एक एनजीओ बनाया, और अब वह वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। इस बीच जनवरी, 2019 में तेज बहादुर के 22 वर्षीय बेटे रोहित ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी।
वाराणसी में मतदान 19 मई को हैं।