गाँवों में बीस मिनट में पहुंचेगी पुलिस

Update: 2015-12-19 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

लखनऊ प्रदेश की जनता को आकस्मिकस्थिति में तुरंत सहायता कम से कम समय में उपलब्ध कराने के लिएप्रदेश स्तरीय पुलिस इमरजेन्सी प्रबन्धन प्रणाली (पीईएमएस) डायल 100 परियोजना” शुरू की जा रही है। इस सेवा के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की चार पहिया वाहन 20 मिनट में मौके पर पहुंचे जायेगी

इस परियोजना के अंर्तगत किसी आकस्मिक स्थिति में प्रदेश के किसी भी स्थान से टेलीफोन, एसएमएस तथा अन्य किसी संचार माध्यम से राज्य व्यापी डायल 100 परियोजनाके केन्द्र से संपर्क करने वाले नागरिकों को तत्काल पुलिस सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। यह केन्द्र चैबीसो घण्टे कार्यरत रहेगा तथा केन्द्र को प्राप्त होने वाले सभी टेलीफोन बातचीत की रिकॉर्डिंग होगी। पीड़ित व्यक्ति की मदद के उपरांत केन्द्र द्वारा पीड़ित व्यक्ति से प्रतिक्रिया प्राप्त कर उसके संतुष्ट होने के उपरांत ही प्रकरण को बंद किया जायेगा।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि डायल डायल 100’ पर काफी सुझाव मिले हैं। इन्हीं अनुभवों के आधार पर नया प्रयोग हो रहा है। डायल 100 सर्विस नए तरीके से काम करेगा।समाजवादी एंबुलेंस की तरह डायल 100 भी लोगों तक बहुत कम समय में पहुंचेगी।

इस परियोजना के लिये लखनऊ में अत्याधुनिक केन्द्र की स्थापना की जायेगी। परियोजना के लिए निर्मित होने वाले भवन का शिलान्यास 19 दिसम्बर 2015  कोमुख्यमंत्रीअखिलेश यादव  ने किया। 

परियोजना की कुल लागत 2325.33 करोड़ रूपए हैजिसके लिये लखनऊ में ही एक केन्द्रीय मास्टर को-आर्डिनेशन सेन्टर” स्थापित किया जायेगा।

लखनऊ में स्थापित किये जा रहे मुख्य डायल 100 केन्द्र की तरह जनपद आगरा तथा वाराणसी में दो केन्द्र स्थापित किये जायेंगे। इस सेवा के अंतर्गत सभी पुलिस स्टेशन चौबीसों घंटे काम करेंगे लखनऊ केंद्र की सेवाओं में बाधा आने या फिर क्षमता से अधिक टेलीफोन कॉल आने की स्थिति में आगरा व वाराणसी के केंद्र स्वत: कार्य करने लगेंगे

परियोजना में प्रदेश के 75 जिलों में अत्याधुनिक उपकरणों से लैस कुल 4800 वाहन होंगे इनमें 3200 चार पहिया वाहन एवं 1600 दुपहिया वाहन होंगेजीपीएस उपकरण के माध्यम से प्रत्येक वाहन की भौगोलिक स्थिति की जानकारी मुख्य केन्द्र को प्राप्त होती रहेगी। किसी भी आकस्मिकता की सूचना प्राप्त होने पर केन्द्रीय नियंत्रण कक्ष द्वारा सबसे पास उपलब्ध वाहनघटना स्थल पर भेजे जायेंगे।

आवश्यकताओं के अनुसार ये वाहन अपने निर्धारित मार्ग पर पेट्रोलिग भी करेंगे।इस परियोजना का उद्देश्य प्रदेश में कहीं भी किसी भी समय सभी व्यक्तियों जिसमें विकलांगजन भी शामिल हैं, की सुरक्षा एवं संरक्षा के लिये त्वरित एकीकृत आपातकालीन सेवाएं प्रदान किया जाना है। 

यह परियोजना देश ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा और आधुनिक नेटवर्क होगा। जनसुरक्षा की दृष्टि से संचालित फायर सर्विस, राजमार्ग पुलिस, एकीकृत यातायात प्रबन्ध, स्मार्ट सिटी सर्विलांस, वूमेन पावर लाइन, स्वास्थ्य सेवाओं जैसी अन्य सेवाये भी निकट भविष्य में इसी केन्द्र से एकीकृत की जाएंगी 

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