लखनऊ में है 123 वर्ष पुराना रावण का मंदिर, सजा है रावण का पूरा दरबार

Update: 2016-10-10 21:57 GMT
ravan temple in lucknow

रिपोर्ट: कुशल मिश्र व विनय गुप्ता

लखनऊ। यह बात बहुत कम ही लोग जानते हैं कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक मंदिर रावण का भी है। यह मंदिर हाल-फिलहाल नहीं, बल्कि 123 वर्ष पुराना मंदिर है। खास बात यह है कि इस मंदिर में रावण का पूरा दरबार विराजमान है। आईये आपको रावण के इस मंदिर के बारे में कई रोचक बातें बताते हैं।

रानी कटरा मोहल्ले में है रावण का मंदिर

आज से 123 वर्ष पहले कुंदन लाल कुंज बिहारी लाल ठेकेदार ने नरेंद्र देव वार्ड के रानी कटरा मोहल्ले में चारों धाम मंदिर का निर्माण कराया था। उनका यह मानना था कि शहर के गरीब लोग चाहते हुए भी चारों धाम की यात्रा धन के अभाव में नहीं कर पाते हैं। इसी कारण उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया। पुराने लखनऊ में यह चारों धाम मंदिर छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध है। इसी चारों धाम मंदिर में रावण का मंदिर है। इस मंदिर में रावण का पूरा दरबार मौजूद है। दरबार में दोनों तरफ जहां रावण के मंत्री बैठे दिखाई देते हैं, वहीं रावण दरबार में ऊपर की ओर विराजमान है।

लंकेश करते हैं दशहरा में विशेष पूजा


ravan temple in lucknow

चारों धाम मंदिर में रावण दरबार में रोजाना विष्णु त्रिपाठी उर्फ लंकेश पूजा करते हैं। दशहरा में वैदिक मंत्रोचार से रावण की पूजा करते हैं। इतना ही नहीं, विष्णु त्रिपाठी उर्फ़ लंकेश रामलीला में रावण का रोल भी कई वर्षों से अदा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रावण बहुत ही विद्वान, राजनीतिशास्त्र का ज्ञाता और वनस्पति विज्ञान का जानकार पंडित था। उन्होंने बताया कि रावण की पूजा करने से मेरे मन को संतुष्टि मिलती है। सन 2000 से रावण की पूजा हर दशहरे पर करते आये हैं और आगे भी करते रहेंगे। लंकेश ने बताया कि दशहरा पर घर की महिलाओं को भी रावण के दस शीशों की पूजा करनी चाहिए। गाय के गोबर से रावण के दस शीश बनाकर उनकी पूजा करनी चाहिए और उनसे सुहाग भी लेना चाहिए।

रामलीला में रावण की भूमिका में लंकेश

लंकेश ने बताया कि 1969 से रामलीला में लगभग सारे ही रोल कर चुका हूं। 1978 से लगातार रावण का किरदार निभा रहा हूं। लंकेश ने बताया कि पूरे साल में सिर्फ रामलीला शुरू होने से पूर्व अपने ढाड़ी बनवाते हैं, फिर पूरे साल ढाड़ी में रहते हैं। उन्होंने बताया कि जब वो रावण के रोल में होते हैं, तब उनके अन्दर असीम शक्ति का संचार होता है।

रामलीला ने करायी लंकेश की शादी

विष्णु त्रिपाठी लंकेश ने बताया कि 1978 में रामलीला में परशुराम का रोल था। उसी दिन कानपुर से हमारे देखने के लिए एक परिवार आया था। मेरे रोल को देखकर मेरे ससुर ने मेरी शादी तय कर दी और मेरी शादी कानपुर की रेनू त्रिपाठी से हो गई। उन्होंने बताया कि मेरी पत्नी कैंसर पीड़ित है और उनका जज्बा मैंने बंधाया तो 2009 से मेरी पत्नी रेनू रामलीला में मेरे साथ मंदोदरी का किरदार निभा रही है। रामलीला में किरदार निभाते हुए मेरी पत्नी के साथ कुछ ऐसा आशीर्वाद हुआ कि कैंसर की मरीज होते हुए भी उन्हें कोई भी दिक्कत नहीं होती।

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