प्रधानों की मनमानी से हौसला पोषण पर लग रहा ग्रहण

Update: 2017-02-24 16:02 GMT
जिले में बच्चों को पोषित करने को लेकर शुरू की गई हौसला पोषण योजना में अब प्रधान ग्रहण बन रहे हैं।

एटा। जिले में गर्भवतियों और बच्चों को पोषित करने को लेकर शुरू की गई हौसला पोषण योजना में अब प्रधान ग्रहण बन रहे हैं। कई केंद्रों पर प्रधान योजना के तहत दी जाने वाली राशि का आहरण नहीं कर रहे हैं। ऐसे में योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। वहीं अब फिर से योजना के तहत 45 लाख रुपये भेजे गए हैं और जिला कार्यक्रम अधिकारी ने सभी प्रधानों से योजना के तहत सहयोग करने की अपील की है।

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प्रदेश सरकार ने 24 जुलाई से जिले में गर्भवतियों और कुपोषित बच्चों को पोषित करने के लिए हौसला पोषण योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्र पर गर्भवतियों को गर्म खाना और कुपोषित बच्चों को दूध और घी का वितरण किया जाना था। शुरुआत में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के असहयोग के चलते योजना परवान नहीं चढ़ सकी। इसके बाद बजट के अभाव में योजना ठप पड़ी रही। अब ग्राम प्रधान योजना में ग्रहण बन रहे हैं।

दरअसल, योजना के तहत प्रति केंद्र भेजी जाने वाली धनराशि ग्राम प्रधान और एएनएम के संयुक्त खाते में भेजी जाती है, लेकिन कई ग्राम प्रधान योजना के लिए पहुंचने वाली राशि का आहरण नहीं करते। इसे लेकर कई बार ग्राम प्रधानों को नोटिस भी भेजे गए हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की। अब एक बार फिर से डीपीओ अमर बहादुर सिंह ने प्रधानों से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा है कि ग्राम प्रधान योजना में सहयोग करें। डीएम को भी मामले से अवगत कराया गया है। असहयोग करने वाले प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

1864 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भेजा बजट

वहीं, योजना के लिए शासन ने बजट जारी कर दिया है। जिले को तीन महीने के 45 लाख रुपये का बजट आवंटित किया है। जिसे जिले के 1864 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भेजा जा रहा है।

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