अनिल चौधरी, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
पीलीभीत। जनपद में शारदा नदी बरसात के दिनों में पानी अधिक हो जाने के कारण फसलों और जमीनों का कटान करके भारी तबाही मचाती रही है।
प्रदेश में पूर्व सरकार के नेता और सिंचाई विभाग के बड़े अधिकारी शारदा नदी पर तटबन्ध निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपये प्रतिवर्ष डकार जाते थे, लेकिन अब जब प्रदेश में नवनियुक्त सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में आयी है तो लोगों को इस समस्या का स्थाई हल होता नजर आ रहा है, क्योंकि पूर्व में भी जब प्रदेश में भाजपा की सरकार आयी थी तो उस समय के मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने शारदा नदी के तटबन्ध बनाने की घोषणा की थी।
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पीलीभीत से लखीमपुर जनपद में शारद नदी के तटों का सर्वे भी कराया गया था। यहां के निवासी अरविंद्र सारस्वत (57 वर्ष) बताते हैं, “‘’शारदा नदी बरसात में कभी इस किनारे पर तो कभी उस किनारे पर कटान करना शुरू कर देती है, जिससे इसके किनारे पर बसे गाँव अपना स्थायी ठिकाना नहीं बना पाते हैं। प्रतिवर्ष हजारों एकड़ कृषि भूमि मय फसलों के रेत के ढेर में बदल जाती है। इस तबाही को रोकने के लिये लगातार दोनों जनपदों के किसान शारदा नदी पर स्थायी तटबन्ध बनाने की मांग करते रहे हैं।”
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प्रदेश में पूर्व सरकार के कार्यकाल में बाढ़ खण्ड डिवीजन ने तबाही रोकने के लिये नौजल्हा, रामनगर, नगरिया खुर्द व बनौसा क्षेत्र में अस्थाई तटबन्ध बनवाये थे। जो अधिक पानी आ जाने के कारण उसी वर्ष बह गये थे।आशुतोष वर्मा ,स्थानीय निवासी
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बारे में अधिषासी अभियंता बाढ़ खण्ड मिन्हाज अहमद से बात की गयी तो उन्होंने बताया, “पिछले दो सालों में बारिश कम होने के कारण कटान भी कम हुआ है। शारदा नदी पर बाढ़ नियंत्रण कार्य लगातार जारी है। जो प्रोजेक्ट रुके हैं उनका बजट लाने का कार्य किया जा रहा है। शासन से बजट स्वीकृत होते ही उन प्रोजेक्टों को भी शीघ्र ही पूरा किया जायेगा, ताकि बरसात आने से पूर्व सभी कार्य पूर्ण कराये जा सकें।”
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