इलाहाबाद के इस गांव में तीन हज़ार की आबादी, 297 का बना राशन कार्ड

Update: 2017-07-03 17:06 GMT
गाँव कनेक्शन

अंकित तिवारी तेज़, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

इलाहाबाद। ग्रामीणों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शासन स्तर से तमाम योजनाएं चलाई जाती हैं, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही की वजह से ग्रामीण आज भी इन सुविधाओं से अनजान एवं वंचित हैं। बानगी के तौर पर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर मेजा तहसील के उरुवा ब्लाक अंतर्गत परवा गॉव को देखा जा सकता है। जहाँ 90 प्रतिशत ग्रामीणों के पास राशन कार्ड नही उपलब्ध है।

तीन हज़ार की आबादी, 297 का बना राशन कार्ड

परवा गॉव में कुल तीन हज़ार की जनसंख्या और 1700 वोटर हैं, लेकिन अभी तक केवल 297 लोगों का ही राशनकार्ड बन पाया हैं। वंचित लोगों में दलितों की संख्या अधिक है। गाँव के निषाद टोली निवासी राजेश(28वर्ष) का कहना है,“ गाँव में राशन कार्ड केवल सामान्य वर्ग के लोगों केपास है। तमाम प्रयासों के बावजूद आज तक कार्ड नहीं बन पाया।” वहीं गुड्डी (25वर्ष) का कहना है,“ कोटेदार के यहां हर महीने राशन कार्ड के लिए फार्म भरे जाते हैं लेकिन हमाराराशन कार्ड नही बन रहा है।”

इस सम्बंध में ग्राम प्रधान प्रेम चंद सोनकर का कहना है,“ कई बार फार्म भरकर दिया गया लेकिन कार्ड आजतक बनकर नही आया। उनका यह भी कहना है की राशन कार्ड बनाने का पूरा काम कोटेदार के पास है और वजहवही बता पाएंगे।”

गॉव के कोटेदार जगदम्बा प्रसाद मिश्रा का कहना है, “ ऑनलाइन व्यवस्था में गड़बड़ी की वजह से इन लोगों काकार्ड नही बन पा रहा है इसकी सूची बनाकर रखे हैं, जिसे विभाग को देना है।”

मेजा के एसडीएम जवाहर लाल श्रीवास्तव, “समस्या इतनी गंभीर है इसकी जानकारी मुझे नहीं थी। अभी मैं कुछ दिन पहले आया हूं। मामले की जांच कराता हूं।” वहीं तहसीलदार बीके राय ने भी मामले की जांच का भरोसा देते हुए कहा, “ऐसी कोई शिकायत मुझे प्राप्त नहीं है, फिर भी सत्यता की जांच कराकर जो भी समस्या होगी उसका निस्तारणकिया जाएगा।”

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