द नीलेश मिसरा शो : अमेरिका में अच्छे भले रह रहे थे, यहां आने की क्या पड़ी थी, कितने अजीब लोग हैं ये

Update: 2018-05-29 09:26 GMT

'द नीलेश मिसरा शो' का तीसरा एपिसोड है 'ये टेढ़े लोग'। देश के सबसे चहेते स्टोरीटेलर नीलेश मिसरा इस एपिसोड में आपको कुछ पागल, टेढ़े, जिद्दी, नासमझ, अजीब लोगों से मिलवा रहे हैं। इस तरह के लोगों को पहचानना ज़रूरी है... क्यूंकि .. हमारे हीरो हमारे आसपास रहते हैं…

लखनऊ की गलियों में गरीबी से जूझ रहे एक मोहल्ले में आपको वह दो शख्स मिलेंगे जिनके यहां मिलने की आपको कताई उम्मीद नहीं होगी। ये हैं जॉन हकीम और उनकी पत्नी रोजी जो यहीं इसी स्लम में रहते हैं और बच्चों को पढ़ाते हैं। अमेरिका में अच्छे भले रह रहे थे यहां आने की क्या पड़ी थी ये है कितने अजीब लोग हैं।

जॉन हकीम बताते हैं "मैं एक जैविक- बायो छात्र था। मैं जीवन में अपने स्वयं के उद्देश्यों के बारे में बहुत अधिक सोचता था। मैं पैसा बनाना चाहता था, नासा के लिए काम करना चाहता था। लेकिन मुझे पता है कि उद्देश्य मेरे लिए संतोषजनक नहीं थे। मैंने धर्म को इसाई धर्म में देखा मुझे महसूस हुआ कि मुझे खुश रहने अन्य लोगों के लिए जीना होगा।"


जॉन का एक दोस्त उन्हें 2004 में जबरदस्ती उनकी इच्छा के विरुद्ध भारत लाया और फिर उन्होंने यहां बस जाने का और बच्चों को पढ़ाने का फैसला कर लिया। पहले डेढ़ साल इस विशाल देश को लोगों को हिंदी भाषा को और इन नई सच्चाइयों को समझने में ही निकल गए वह इस बस्ती में रहने लगे और उनकी अच्छाई को अक्सर शक की नजर से देखा जाने लगा।

जॉन कहते हैं "एक दोस्त ने मुझे बताया कि कुछ लोग सोच रहे हैं की अमेरिका से आदमी क्यों आया है, शायद वह गुंडा है या पुलिस से भाग रहा है। या मैं अमेरिकी सरकार का एक गुप्त एजेंट हूं या सीआईए। कुछ लोगों ने हमें गलत समझा लेकिन बहुत सारे लोगों ने वास्तव में हमें सम्मान दिया और हमें उनका एक हिस्सा स्वीकार किया।" आज जॉन और रूबी रोज छोटी-छोटी खुशियों से इन बच्चों की जिंदगी बदल रहे हैं।

जॉन कहते हैं "हम लखनऊ के अलग-अलग बस्तियों में पढ़ाते हैं। हम उन्हें साक्षरता प्रयोगशाला कहते हैं जो छोटे कमरे हैं लेकिन कभी-कभी हम लोगों के घर के अंदर भी पढ़ाते हैं। हमने अब तक 102 छात्रों की मदद की है जो अब पढ़ सकते हैं और करीब 100 से डेढ़ सौ छात्र इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। और अमेरिका वापस जाने के बारे में जॉन कहते हैं "कभी नहीं मैं हमेशा यहीं रहना चाहता हूं।"


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