बंदी के कगार पर कानपुर का चमड़ा कारोबार, हजारों हुए बेरोजगार

Update: 2019-03-02 12:15 GMT

कानपुर। देश में कानपुर के जाजमऊ में तमिलनाडु के बाद सबसे ज्यादा चमड़े का कारोबार होता है। लेकिन कुंभ मेले के देखते हुए तीन महीने की मंदी ने कानपुर की टेनरियों को बंदी के कगार पर पहुंचा दिया है।

कानपुर के व्यापारियों का कहना है कि अब तक नहीं कुछ तो 10,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। 18 नवंबर से शुरू हुई बंदी 15 मार्च तक चलेगी। ऐसे में टेनरी संचालकों का कहना है कि इससे होने वाले नुकसान से उन्हें उबरने में वर्षों लग जाएंगे।

स्माल टेनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हफीजुर रहमान (बाबू भाई) कहते हैं " लगभग 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है, जबकि इसमें हमारी गलती है ही नहीं। टेनरियों से निकलने वाले पानी का प्राइमरी ट्रीटमेंट हम खुद करते हैं। बावजूद इसके हमेशा हम पर ही कार्रवाई होती है।

वहीं टेनरी बंद होने से हजारों लोगों का राजगार भी छिन गया है। सबसे ज्यादा नुकसान तो मजदूरों का हुआ है। टेनरी में माल ढुलाई का काम करने वाले 65 वर्षीय खुदा बख्श कहते हैं "पहले मैं दिनभर में हजार से 12 सौ रुपए कमा लेता था, लेकिन यह कमाई अब 500 से 600 रुपए तक सिमट गयी है, वो भी कभी-कभार ही काम मिलता है। जबकि बेटा बेरोजगार हो गया है।

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