पानी के लिए हर दिन लड़नी पड़ती है लड़ाई

Update: 2019-06-04 08:07 GMT

हिसार( हरियाणा)। "प्यास लगी है पानी है लेकिन पी नहीं सकते हैं। क्योंकि पानी बहुत खारा है, पीने के लिए तो दूर नहाने वाला भी पानी नहीं है। ऐसे में लोग अपनी प्यास को बुझाने के लिए कई किमी. दूर से साइकिल और बाइक से पानी भरने के लिए इस इकलौते नल पर आते हैं, "पानी भरने आए सतीश कुमार कहते हैं।

हरियाणा के हिसार जिले से महज बीस किमी. दूरी स्थित कुतुब टांनी गाँव की आबादी करीब चार हजार के आसपास है। इस चार हजार की आबादी पर बनी एकलौती वॉटर डिग्गी इस चिलचिलाती गर्मी में ग्रामीणों व पशुओं प्यास बुझाने में असफल साबित हो रही है। गाँव मे सप्लाई के लिए डाली गई पाइप लाइने जगह जगह से चोक हो चुकी है, जिसके चलते ग्रामीणों को पानी लेने के लिए सुबह से ही गाँव में महिलाओं को पीने के पानी के लिए घण्टों लाइन में लगना पड़ता है। वहां की महिलाओं ने बताया की कभी कभार खाने में पानी की वजह से देरी हो जाने पर हमारे पति हम से झगड़ा भी कर बैठते हैं।


ग्रामीण सतीश कुमार बताते हैं, "हम लोग के आगे पानी की बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। शिकायत करने के बावजूद भी कोई हुक्मरान हम लोगों की समस्याओं पर ध्यान नही देते हैं। हम पिछले एक हफ्ते से मोटर खराब है लेकिन शिक़ायत करने के बावजूद भी कोई ध्यान नही दे रहा है।

इंडिया वाटर पोर्टल के अनुसार भारत के 50 प्रतिशत शहरी, 85 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में पानी चिंताजनक ढंग से विलुप्त हो रहा है। 3400 विकासखण्डों में से देखा गया कि 449 विकासखण्डों में 85 प्रतिशत से अधिक पानी खत्म है। ज्यादातर राज्यों में भूमिगत जलस्तर 10 से 50 मीटर तक नीचे जा चुका है।

दसवीं की छात्रा ज्योति ने बताया कि पानी भरने के लिए सुबह सुबह ही लाइन लगाना पड़ता है, जिसके चलते हमारा कई बार स्कूल भी छूट जाता है। जो पानी सबमर्सिबल में आता है वो बहूत खारा है, उस पानी से साबुन तक नहीं अच्छे से धुलता है।

कुछ ही महीनों बाद होने वाले है हरियाणा में विधानसभा चुनाव

हरियाणा में अभी चार महीने बाद विधानसभा आम चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पानी बहुत बड़ा मुद्दा बनकर सरकार के सामने आयेगा। घर की महिलाओं को लाइन में लग कर के पानी भरना पड़ता है।

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