लखनऊ। गेहूं की बुवाई का रकबा बीते मानसून के चलते पिछली बार के मुकाबले इस बार पिछड़ गया है। शुक्रवार तक रबी की फसलों की बुवाई करीब 564.9 लाख हेक्टेयर में हो पाई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 18 लाख हेक्टेयर कम है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो इस बार दाल के साथ गेहूं भी आप की जेभ खाली करेगा।
विभिन्न राज्यों से प्राप्त प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, रबी फसलों के अंतर्गत कुल बुवाई क्षेत्र 08 जनवरी, 2016 तक 564.98 लाख हेक्टेयर रहा है।
बुवाई में कमी खासकर गेहूं और सरसों की फसल में आई है। देश में पिछले वर्ष गेहूं 299.33 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी, जबकि इस बार गेहूं का रकबा घटकर 281.70 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हो पाई है। यानि इस बार करीब 17.63 लाख हेक्टेयर गेहूं की बुवाई कम हुई है।
अगर हम तिलहनी फसलों की बात करें, तो जहां पिछली बार 77.41 लाख हेक्टेयर में तिलहनी फसलों की बुवाई हुई थी तो वहीं इस बार इसका रकबा घटकर 74.46 लाख हेक्टेयर रह गई है।
अगर दालों की बुआई की स्थिति पर नज़र डालें तो इस बार दालों के रकबे में भी पिछले साल के मुकाबले इस साल कुछ कमी देखने को मिल रही है। पिछली बार जहां दालों का रकबा 134.81 लाख हेक्टेयर थी तो वहीं इस बार दालों का रकबा 0.45 लाख हेक्टेयर घटकर 134.36 लाख हेक्टेयर रह गया है।
इस वर्ष अभी तक के बुवाई क्षेत्र और पिछले वर्ष की इसी अवधि तक के कुल बुवाई क्षेत्र (रकबा) का ब्योरा नीचे दिया गया है-
फसल 2015-16 में बुवाई क्षेत्र 2014-15 में बुवाई क्षेत्र (लाख हेक्टेयर)
गेहूं 281.70 299.33
दालें 134.36 134.81
मोटे अनाज 57.40 52.28
तिलहन 74.46 77.41
धान 17.07 18.63
कुल 564.98 582.46