हस्त कलाओं का कारोबार विकसित करेगा यूपी

Update: 2015-10-29 05:30 GMT

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार, राज्य सरकार एवं हैण्ड डिजाइन संस्था के के साथ मिलकर प्रदेश के हस्त कारीगरों को प्रशिक्षण देने, प्रशिक्षण के उपरान्त प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराने, उत्पादों के लिए बाजार तथा सीखने के बाद उद्यमी बनने की इच्छा रखने वाले कारीगरों को वित्तीय सहयोग दिलाने में मदद करेगी। 

संस्था राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप इनके उत्पादों को लग्जरी क्राप्ट की श्रेणी में लाने में मदद देगी, ताकि हस्त उत्पादों को अच्छा मूल्य मिल सके। इस प्रकार संस्था की मदद से प्रदेश की परम्परागत शिल्प कला को वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने का काम किया जाएगा।

राज्य सरकार एवं हैण्ड डिजाइन संस्था के मिलकर आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोगों को सम्बोधित करते हुये कहा, ''राज्य के विभिन्न क्षेत्र, अपने विशिष्ट हस्त उत्पादों एवं कुटीर उद्योगों के माध्यम से देश-दुनिया में जाने एवं पहचाने जाते हैं। प्रदेश में हस्तशिल्प उत्पाद के माध्यम से लाखों लोगों को रोजी-रोटी मिली है। राज्य सरकार हस्तशिल्पियों को बेहतर प्रशिक्षण, बाजार एवं आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के साथ-साथ इनके रहन-सहन के स्तर में लगातार सुधार लाने का काम कर रही है, जिससे इनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो और उन्हें कार्य करने का अच्छा एवं सुविधाजनक वातावरण मिल सके।''

यादव ने हस्त कारीगरों को जन्मजात प्रतिभाशाली बताते हुए कहा, ''इन्हें पैतृक परम्परा से अपने हुनर को निखारने का मौका मिलता है। वाराणसी एवं इसके आस-पास क्षेत्रों में बनने वाली बनारसी साड़ी एवं गलीचे, लखनऊ का चिकन आदि तैयार वाले अधिकांश लोग अपने परिवार के माध्यम से ही अपनी कला का विकास करते हुए काम कर रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि आज दुनिया में अपने उत्पादों को बेचने के लिए काफी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए वर्तमान जरूरतों के हिसाब से इन कारीगरों को प्रशिक्षण देकर उन्हें एनएसडीसी द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप उत्पादन करने के लिए प्रेरित करना जरूरी है।''

प्रदेश के हस्तशिल्पियों एवं बुनकरों की मदद के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ में लगभग 25 एकड़ में अवध शिल्प ग्राम का विकास किया जा रहा है। इससे शिल्पकारों को अपने उत्पाद दुनिया के बाजारों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। इसी प्रकार नोएडा में शिल्प हाट एवं बुनकर भवन तथा भदोही में कारपेट बाजार का निर्माण कराया जा रहा है। हस्त शिल्पियों और बुनकरों को अपने उत्पाद सीधे पर्यटकों को बेचने के लिए लखनऊ में लखनऊ हाट का निर्माण कराया गया है। इन परियोजनाओं के माध्यम परम्परागत हस्त शिल्प और कुटीर उद्योग को बेहतर बाजार और आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराने से इनसे जुड़े लाखों परिवारों को फायदा मिलेगा। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश वासियों के आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षिक विकास के लिए राज्य सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है। समाजवादी विचारधारा में विश्वास रखने वाली वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश के सभी क्षेत्रों एवं वर्गों के विकास के लिए आगे भी हर सम्भव कदम उठाती रहेगी। उन्होंने कहा कि हस्त शिल्प एवं बुनाई के लिए मशहूर सभी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए आगामी बजट में आवश्यकतानुसार धनराशि की व्यवस्था की जाएगी। इस मौके पर साड़ी बुनकर सईदुर्रहमान एवं अन्य कारीगरों से मुख्यमंत्री ने मुलाकात की एवं उन्हें अपने क्षेत्र में और अधिक लगन एवं मेहनत से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। रहमान ने मुख्यमंत्री को साड़ी बुनाई की विभिन्न बारीकियों से अवगत कराया।

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