झुनझुना नहीं, ग्रामीण युवाओं के लिए हथियार बना लैपटॉप

Update: 2016-01-30 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

लखनऊ। रंजना सिंह की तरह उसके गाँव का हर नौजवान आज कम्प्यूटर चलाने में माहिर है। ऐसा इसलिए नही कि ये किसी कान्वेंट स्कूल के छात्र हैं, बल्कि इनकी कम्प्यूटर क्लास गाँव में ही चलती है।

रंजना सिंह ने हाल ही में अपना फेसबुक अकाउंट खोलने के साथ ही टाइपिंग व कम्प्यूटर की बेसिक जानकारी भी सीख ली है। उनकी इस काम में मदद की है गाँव की ही शैलेश कुमारी ने। शैलेश आज लैपटॉप से गाँव के बच्चों की ज़िन्दगी बदल रही हैं।

लखनऊ जिले के सरोजनीनगर ब्लॉक से 25 किमी दूर लल्लीखेड़ा समेसी गाँव में रहने वाली शैलेश कुमारी बताती हैं, ''मैं पहले केवल स्कूल में कम्प्यूटर सिखाती थी, लेकिन जब देखा कि गाँव में ज़्यादातर बच्चों के पास सरकार द्वारा दिया गया लैपटॉप है, पर वो उसका कोई इस्तेमाल नहीं करते थे। अब मैं गाँव के युवा, जिनके पास लैपटॉप है उन्हें भी कम्प्यूटर की बेसिक जानकारी देती हूं।’’

प्रदेश सरकार ने इंटर पास लाखों छात्र-छात्राओं को लैपटॉप वितरित किए हैं, जो इन ग्रामीण युवाओं की ज़िन्दगी में बदलाव का गवाह बन रहे हैं।

लल्लीखेड़ा गाँव के रहने वाले अमित (19 वर्ष) बताते हैं, ''हमने लैपटाप पर टाइपिंग सीख ली है, कोई भी जॉब वेकेंसी, जिसमें टाइपिंग मांगते हों, फार्म भर सकता हूं।’’

शैलेश कुमारी अब तक लगभग 40 से 45 गाँव के युवाओं को उनके ही लैपटॉप से कम्प्यूटर की शिक्षा दे चुकी हैं। ''हम कभी अपने पैसों से लैपटॉप खरीद नहीं पाते, लेकिन सरकार ने हमें लैपटॉप दे दिया और अब हम ने इसका सही इस्तेमाल भी सीख लिया है। इसपर हम एमएस वर्ड सीख रहे हैं।’’ रंजना सिंह ने कहा। शैलेश से कम्प्यूटर सीखने के लिए गाँव के बच्चों का तांता लगा रहता है।

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