लखीमपुर: पकड़े गए लड़कियों का अपहरण करने वाले आरोपी

Update: 2016-01-23 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

लखनऊ। लखीमपुर में व्यापारी की तीन लड़कियों को अपहरण करने वाले तीन अभियुक्तों को एसटीएफ ने मुठभेड़ करके गिरफ्तार कर लिया है। अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर एसटीएफ को पुलिस महानिदेशक ने बीस हजार रुपए का पुरस्कार देकर सम्मानित किया है।

मामला 16 जनवरी का है। मोटरसाइकिल सवार छह अज्ञात बदमाशों ने लखीमपुर के थाना सिंगाही क्षेत्रान्तर्गत स्थित ग्राम खेड़ीगढ में क्रेशर व्यवसायी रामबली गुप्ता के घर पर धावा बोलकर उनकी तीन पुत्रियों, पत्नी तथा नौकरानी के अपहरण कर लिया। थोड़ी देर बाद बदमाशों ने उनकी पत्नी एवं नौकरानी को छोड़ दिया। इस घटना के सम्बन्ध में थाना सिंगाही में मुकदमा कराया गया था। 

मामले के बाद सुजीत पाण्डेय, पुलिस महानिरीक्षक, एसटीएफ तथा अमित पाठक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ को मामले की जिम्मेदारी दी गई। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि बदमाशों ने रामबली की अगवा पुत्री उपमा के मोबाइल फोन से फोन करके 50 लाख रुपए की फिरौती की मांग की है। 

बातचीत के दौरान पांच लाख रुपए फिरौती में बातचीत तय हुई। बदमाशों ने थाना-सिंगाही क्षेत्रान्तर्गत स्थित ग्राम बिलराया के पास सोनाटी जंगल में फिरौती की रकम प्राप्त कर तीनों अगवा लड़कियों को उनके मामा संजय गुप्ता के हवाले कर दिया गया।

मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू और तेज कर दिए। 22 जनवरी को पुलिस उपाधीक्षक आलोक सिंह के नेतृत्व में एक टीम बिलराया, लखीमपुर में मामले की जानकारी के लिए मौजदू थी। इसी दौरान सूचना मिली कि अपहरणकर्ता फिरौती में प्राप्त पैसे के बंटवारे को लेकर एकत्रित होने वाले है। इस सूचना पर एसटीएफ की टीम द्वारा उक्त स्थान पर दबिश दी गयी, जिस पर वहां मौजूद एक अभियुक्त राज कुमार को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद दो अन्य अभियुक्तों गुरमीत व कुलवन्त को गिरफ्तार कर लिया गया। 

गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा पूछताछ पर बताया गया कि रामबली गुप्ता के परिवार में अपहरण की साजिश इन तीन अभियुक्तों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर बनायी थी, जिसमें कुलदीप तथा कुलवन्त को गाँव में परिवार के सदस्यों की रैकी देना, उसकी सूचना देना तथा अपहरण के बाद पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्यवाही की सूचना देने की जिम्मेदारी दी गयी थी। 16 जनवरी को रामबली गुप्ता के परिवार के सदस्यों के गाँव में होने की सूचना मिलने पर इन अपराधियों द्वारा गाँव में जाकर तीनों लड़कियों का अपहरण कर लिया गया तथा उन्हें मोटरसाईकिलों पर बैठाकर निश्चित योजना के तहत रघुनगर के जंगलों में ले जाकर खेत में रखा गया तथा बारी-बारी से पहरा दिया जाता रहा।

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