मांगों को पूरा करने के लिए मृतक आश्रितों का आमरण अनशन

Update: 2016-01-03 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

लखनऊ। वर्षों से नौकरी की खातिर भटक रहे मृतक आश्रितों ने रविवार को जीपीओ पर अनिश्चित कालीन आमरण अनशन शुरू कर दिया। करीब आधा सैकड़ा मृतकआश्रितों से एसडीएम प्रथम ने मांग पत्र तो ले लिया लेकिन वे मुख्यमंत्री से मिलने की जिद पर अड़े रहे और प्रदर्शन जारी रखा।         

प्रदर्शनस्थल पर मौजूद संदीप गौतम आगरा में रहते हैं। वह बीते दो वर्षों से विभिन्न अधिकारियों के यहां नौकरी के लिए चक्कर काट रहे हैं। संदीप बताते है, ''दो साल बीत गए अधिकारियों के चक्कर काटते-काटते। जब हमने आवेदन किया था तो दूसरी नियमावली थी, अब भर्ती की नियमावली बदल दी गई है। पूर्व में 4.8 किलोमीटर दौड़ को 35 मिनट में पूरा करना था लेकिन अब इसे 28 मिनट में पूरा करने की नियमावली लागू कर दी गई है।" धरनास्थल पर मौजूद सभी मृत आश्रितों ने नियमावली 1974 के तहत एसआईएम और आशुलिपिक के सेवायोजन के लिए आवेदन किया था। यहां पर मौजूद लोगों ने बताया कि तीन अगस्त 2013 को इस पद हेतु दक्षता मूल्यांकन परीक्षा नहीं कराई गई। जालौन निवासी तरुण प्रताप सिंह बताते है, ''11 अक्टूबर 2014 को दक्षता मूल्यांकन परीक्षा कराने के लिए हमें बुलावा पत्र भेजे गए थे लेकिन फिर इसे अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया गया। एक वर्ष से अधिक समय बीत चुका है लेकिन परीक्षा संबंधी कोई भी प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। इस कारण से हम केवल पेंशन के सहारे जीवन-यापन कर रहे हैं।" 

प्रमुख मांगें

1-यूपी पुलिस उपनिरीक्षक मृतक आश्रित पद के लिए सेवायोजन की प्रक्रिया को जल्द पूरी कराने के लिए तारीख निर्धारित की जाए।

2- पुरानी नियमावली को लागू करके सेवायोजन दिया जाए।

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