मॉनीटरिंग के नए तरीकों से बदल रही सरकारी स्कूलों की तस्वीर

Update: 2016-01-19 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए कई जिलों में अलग-अलग तरह के नए प्रयोग किए जा रहे हैं और नए नियम लागू करने की तैयारी चल रही है। इन नए तरीकों का परिणाम भी अच्छा जा रहा है।

''कानपुर जिले में अब शिक्षकों को अपनी उपस्थिति सेल्फी के माध्यम से दर्ज करानी होगी। इसमें हर स्मार्ट फोन में एक एप डाउनलोड की जाएगी, जिसका खर्चा 5,000 प्रति मोबाइल आएगा। इसलिए ये अभी 14 ब्लॉक के एक एक स्कूलों में किया जा रहा है। अगर परिणाम अच्छा आयेगा तो जिले भर में लागू किया जाएगा। चूंकि इसके लिए कोई बजट नहीं निश्चित है इसलिए दिक्कत आ रही है।’’ बेसिक शिक्षा अधिकारी कानपुर, विष्णु प्रताप सिंह बताते हैं।

शिक्षा बजट 2014-15 में बेसिक शिक्षा के लिए 29,380 करोड़ रुपए जारी किए गए थे, जिसमें स्कूल की पूरी मरम्मत, किताबें, ड्रेस आदि सम्मिलित हैं। कन्नौज, इलाहाबाद और वाराणसी में एसएमएस द्वारा हाजिरी भी अच्छा परिणाम दे रही है। ''ऑनलाइन हाजिरी का परिणाम बहुत अच्छा मिल रहा है। वैसे तो पहले इस बात का डर था कि लोग फर्जी हाजिरी भेजेंगे लेकिन ऐसा नहीं है। डीएम का पूरा सहयोग है। जिले के आठ ब्लॉक में कंट्रोल रूम गठित किए गए हैं जहां एक एक अनुदेशक रखा गया है, जो स्कूल खुलने से आधे घंटे पहले पहुंच जाता है। प्रार्थना के बाद प्रधानाध्यापकों की उपस्थिति आनी शुरू हो जाती है।’’ कन्नौज के बीएसए रामकरन यादव ने बताया। इसके लिए सभी स्कूलों को एक कोड दिया गया है। कोड नम्बर स्कूल का नाम एसटी प्रधानाध्यापक अगर उपस्थित हैं तो पी है और अगर अनुपस्थित हैं तो ए और अगर छुट्टी ली है तो एस डालेगा। ऐसे ही सभी अध्यापकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की भी उपस्थिति लगाई जाएगी। उपस्थिति की क्रॉस चेकिंग भी होती है और कभी औचक निरीक्षण में अगर कहीं अध्यापक नहीं मिला तो तुरंत फोन करके कंट्रोल रूम से पूछा जाता है कि वहां क्या दर्ज कराया गया है। इस तरह से इतना आसान नहीं है झूठ बोलना सबको डर है नौकरी बचाने का। 

टेबलेट ने दिखाया असर

झांसी में अब शिक्षक समय पर कक्षाओं में उपस्थित मिलते हैं क्योंकि वहां टेबलेट से उपस्थिति दर्ज करानी होती है। झांसी के बेसिक शिक्षा अधिकारी सर्वदानंद ने डीएम अनुराग यादव की मदद से नगर क्षेत्र के स्कूलों में एक-एक टैबलेट बांटा था। शिक्षक स्कूल पहुंच कर प्रार्थनासभा के बाद 9 से 10 बजे तक सभी शिक्षकों व विद्यार्थियों के साथ फोटो अपलोड कर देते हैं। इसके लिए वेबसाइट उपस्थिति यूपी एनआईसी डॉट इन बनाई गई है। 

हेल्पलाइन नम्बर

लखनऊ जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर दक्खिन टोला गाँव की रहने वाली लक्ष्मी देवी (32 वर्ष) के दो बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। वो बताती हैं, ''अब तो हम लोग फोन पर शिकायत कर सकते हैं। अभी तक हम लोग जानते थे कि अच्छा खाना नहीं मिल रहा, पढ़ाई नहीं हो रही लेकिन फिर भी कुछ नहीं कर सकते थे। अब फोन करके शिकायत कर सकते हैं।’’

शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी परिषदीय स्कूलों के लिए दो हेल्पलाइन शुरू की हैं। कानपुर जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी विष्णु प्रताप सिंह बताते हैं, ''हेल्पलाइन हर जगह लागू की जा चुकी है। एक फोन पर शिक्षक अपनी समस्या बता सकेगें और दूसरे पर अभिवावक अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगें। शिक्षक वेतन, छुट्टी या अन्य कोई भी दिक्कत फोन पर दर्ज करा पाएंगें। इसी तरह अभिवावक मिड-डे मील, किताब, ड्रेस जैसी कई दिक्कतों की शिकायत कर पाएंगे।’’

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