नहीं मिली इंदिरा आवास की दूसरी किश्त, ग्रामीण परेशान

Update: 2016-06-25 05:30 GMT
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रामपुर (रायबरेली)। राम दास 60 वर्ष पिछले आठ महीने से खुली छत के नीचे रहने को मजबूर हैं। सरकार से मिले इंद्रा आवास की पहली किश्त तो उन्हें समय पर मिल गई थी पर दूसरी किश्त आने में आठ महीने से ज्यादा समय लग गया है, जिससे उनका पूरा परिवार बगैर छत वाले मकान में रहने को मजबूर है।

रायबरेली जिला मुख्यालय से 30 किमी उत्तर दिशा में रामपुर गाँव के रहने वाले राम दास अपनी परेशानी बताते हैं, "गाँव में पांच लाभार्थियों को इंदिरा आवास बाटें गए थे। इसमें छत ढ़ालने के लिए मिलने वाली दूसरी किश्त अभी तक नहीं मिली है। घर पर छत न होने से बहुत दिक्कतें हो रही हैं।"

भारतीय वित्त मंत्रालय की वर्ष 2012-2013 की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2012 में इंदिरा आवास योजना के तहत 10,513 करोड़ रूपए  का बजट पारित हुआ था, जिसमे 4,930 रूपए का फंड ही रिलीज़ हो पाया था। इससे निर्धारित किए गए लक्ष्य का सिर्फ एक चौथाई हिस्सा ही पूरा किया जा सका था।

खुली छत के नीचे सोने वाले रामदास अपने गाँव के अकेले व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि उन्ही की तरह गाँव के चार लोगों को किश्त अभी तक नहीं मिली हैं। गाँव की रामवति देवी (56 वर्ष) बताती हैं कि कालोनी की क़िस्त ना मिलने की शिकायत हमने कई बार प्रधान से की थी पर उससे कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद अपनी समस्या को लेकर गाँव के सभी आवास पात्रों ने ब्लॉक जाकर बीडीओ के सामने धरना भी दिया।

जिले में इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) में लोगों को किश्त न मिलने की बात पर आईएवाई परियोजना अधिकारी भानुप्रताप बताते हैं, "जिले में इंदिरा आवास योजना में लोगों को किश्ते ना मिल पाने की दिक्कत लगभग सभी ब्लॉकों में है।" भानु आगे बताते हैं कि हमने भारत सरकार को एप्लीकेशन भेज दी है।जल्द ही लाभार्थियों को दूसरी किश्त उपलब्ध करा दी जाएगी।

रिपोर्टर- दीपिका मिश्रा, छात्र पत्रकार

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

श्री गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज (बछरावां,रायबरेली)

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