फोटो गैलरी: मदरसे के अंदर की दुनिया से भी रूबरू होइए

गाँव कनेक्शन आपके लिए कुछ ऐसी चुनिंदा तस्वीरें लेकर आया है जो सैकड़ों शब्दों के बराबर हैं। खुद में न जाने कितनी भावनाएं समेटे बहुत कुछ कहती हैं ये तस्वीरें।

Update: 2018-08-21 13:00 GMT

मदरसे यानी स्कूल। कुछ समय पहले तक यहां सिर्फ दीनी तालीम यानि धार्मिक पढ़ाई होती थी। इस पर दुनियाभर में बातें होती रही हैं, लेकिन अब काफी कुछ बदल रहा है। ये सच है कि मदरसों में ज्यादातर मुस्लिम बच्चे ही पढ़ते हैं लेकिन कई जगहों पर हिंदू बच्चे भी पढ़ाई करते मिल जाएंगे। मदरसों में अलिफ बे ते से.. के साथ.. बच्चों की उंगलियां कंप्यूटर पर भी चलती हैं। यहां कुरान के साथ विज्ञान भी पढ़ाई जाती है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक मदरसा है जहां कई हिंदू बच्चे भी पढ़ते हैं।

गांव कनेक्शन के फोटो जर्नलिस्ट अभिषेक वर्मा ने गोरखपुर के मानबेला खास के मदरसे को अपने कैमरे में कैद किया। इनको अरबी की धार्मिक किताबों के साथ-साथ अंग्रेजी, उर्दू, हिंदी और गणित भी पढ़ायी जाती है। यहां के बच्चे भी दूसरे स्कूल के बच्चों की तरह खेलते-कूदते और पढ़ाई करते हैं। मदरसे के अंदर की तस्वीरें.... 

उम्मीदों का खुला आसमान: मदरसे में पढ़ाई करता बच्चा...


















मदरसों में इस तरह बैठकर पढ़ाई करने का पारंपरिक तरीका है। ज्यादातर जगहों पर बच्चे यूं बैठकर तेेज आवाज़ मेें अपना पाठ याद करते हैं।


















मदरसों में छात्रावास भी होते हैं, जहां काफी बच्चे रहते हैं। तो काफी बच्चे आसपास के रहने वाले भी होते हैं। 




रूखी सूखी खाय कै ठंडा पानी पीव: आर्थिक तंगी को पीछे छोड़कर ये बच्चे भी कुछ कर गुजरने का सपना पाले हुए हैं। 




अनुशासन और स्वावलंबन: स्कूल हों या मदरसे अपने काम खूब करने की भावना सबको सिखाई जाती है। इस मदरसे में भी काफी बच्चे अपना काम यूं करते नजर आए।





अहा.. और ये होता है सबसे मजेदार समय... जब मिलती है कापी किताबों और मौलबी साहब की डांट और नज़र से आजादी...




समय से कदमताल: मदरसों में अब सिर्फ दीनी तालीम नहीं दी जाती, धार्मिक शिक्षा के साथ उन्हें अंग्रेजी और कंप्यूटर का भी ज्ञान दिया जाता है।


चलो एक फोटो हो जाए: सबके साथ में फोटो खिंचवाना किसको पसंद नहीं


हिज्जे लगा-लगा कर पढ़ते हैं।



अब सोने की बारी




थोड़ा बिस्तर तो ठीक कर लिया जाए




मदरसे के छात्रों के जीवन का अहम हिस्सा है ये टोपी



पढ़ाई के बाद दोपहर में कुछ देर के लिये सोने का वक्त भी दिया जाता है।





सुकून की नींद- मदरसे में कई घंटे बिताने के दौरान कैमरे में ये तस्वीर सुकून देने वाली थी।











 


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