ये तस्वीरें आपको अपने गाँव की ओर ले जाएंगी

इन तस्वीरों को देखने के बाद आपका गाँव आपकी आँखों के सामने घूमने लगेगा। आपको लगेगा जैसे ये आपके ही गाँव की तस्वीरें हों। गाँव की वो पगडंडियां, तालाब, नाव और भी बहुत कुछ। तो आइये इन तस्वीरों के जरिये गाँव की सैर पर चलते हैं

Update: 2018-08-18 09:09 GMT

हर किसी के अंदर कहीं कोने में उसका गाँव बसता है। हम शहर की आधुनिकीकरण में भले बहुत ज्यादा मशगूल हो गए हों, लेकिन अपने गाँव की मिट्टी की वो सोंधी खुशबू भला खुद से कौन दूर कर पाया है। भारत आज भी गांवों में बसता। आइये आपको लेकर चलते हैं गाँव की ओर। ये बिल्कुल संभव है कि ये तस्वीरें आपके गाँव की न हो, लेकिन आपके गाँव जैसी ही होगी। 




महाराष्ट्र के लातुर ज़िले की पानी समस्या पर फोटो है।




उत्तराखंड के नैनीताल जिले के जिम कार्बेट पार्क में बाघों की संख्या २०० के आस-पास है मगर लोगों को अपनी जरूरत के लिये लकड़ी लेने जंगल के बीच जाना ही पड़ता है।



मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में जमीन से पत्थर का आना सबसे बड़ी समस्या है जो किसान को हर बार खेती शुरू करने से पहले खेत से पत्थर निकालने पड़ते हैं।




झारखंड के पाकुर जिले में पत्थर की तोड़ने के बाद जो बड़े-बड़े गढ्ढे हुयें हैं उनमें बारिश का पानी भर जाता है जो वहां के लोगों के काम आता है।




मध्यप्रदेश के मंडला जिले में लोगों को पीने के लिये दूर-दूर से पानी लाना पड़ता है।




महाराष्ट्र के कुछ जिलों में तेलंगाना और कर्नाटका से गर्मी के सीजन में कई सौ किलोमीटर पैदल चलकर ये घुमंतु आती है। ये अपने साथ अपने जानवर को लेेकर आते हैं और उसी पर अपनी घर ग्रहस्ती लेकर चलते हैं।





बुदेलखंड के ज़िलों में अापको आदिवासी परिवार आपका ऐसे ही स्वागत करते  मिलेंगे।




उड़ीसा के बालासोर जिले में लोगों को मुख्य व्यापार मछली है। बड़ी-बड़ी नाव पर सवार मछली पकड़ते लोग बहुत आराम से तट पर दिख जायेंगें।




उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के मानबेला खास की ये तस्वीर है। पिछले ४० साल से फैले दिमागी बुखार की दांस्ता बयां करती है। हजारों मर गये जो बच गयें वो इस तरह दिव्यांग हो गये ।




अयोध्या का नाम हम विवादित ढ़ाचे के लिये ही सुनते है जबकि अयोध्या सुकून भरी जगह है।




उत्तर प्रदेश के बारांबकी जिले की ये तस्वीर पढ़ाई के लिये लगन को दिखाती है।


आदिवासी संस्कृति की एक झलक



बनारस के घाट पर पूजा करती महिलायें।



 मिड डे मील योजना पूरे देश के प्राथमिक विद्रायलों को भोजन प्रदान करती है.




उत्तराखंड के पिथौरागंढ़ जिले की तस्वीर है। पहाड़ो पर बने स्कूल को दिखाती है ये तस्वीर।

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