जौनपुर। उद्यान विभाग गंभीर होता तो लखनऊ व कोलकाता आदि स्थानों से फूल मंगाने की आवश्यकता नहीं होती। साथ ही फूलों की खेती में इजाफा होता। इसकी खेती करने वालों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होती। विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि चालू वित्तीय वर्ष में 36 हेक्टेयर खेत में फूलों की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अभी तक किसानों का चयन ही नहीं हो सका है।
सरकार की ओर से जिले में हर वर्ष फूलों की खेती करने के लिए लाखों रुपये खर्च किया जाता है। जिससे जनपद में फूलों की खेती का विकास हो सके। साथ ही खेती करने वालों को आर्थिक लाभ मिल सके। लोगों को आसानी से फूल भी उपलब्ध हो सके, लेकिन सरकार का यह सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। अभी भी लखनऊ व कोलकाता से गुलदावरी, अंग्रेजी गुलाब और ग्लेडियोलस आदि के फूल जनपद में आते हैं। विभाग फूलों की खेती कराने को लेकर कितना गंभीर है। यह बताने में चालू वित्तीय वर्ष में हुए कार्य ही काफी हैं। बता दें कि चालू वित्तीय वर्ष में 36 हेक्टेयर में गुलाब, गेंदा व ग्लेडियोलस फूल की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी खेती करने के लिए किसानों को अलग-अलग अनुदान भी दिया जाना है, लेकिन अभी तक विभाग द्वारा किसानों के चयन का कार्य ही पूरा नहीं किया जा सका है।