लखनऊ। जहां छह दिन पहले मादा ज़ेब्रा संस्कृति और नर बंकित साथ-साथ बाड़े में खाते-पीते और चिड़ियाघर में आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। वही अब उस बाड़े में बंकित अकेला रह गया है क्योकिं उसकी प्रेमिका अब नही रही।
'संस्कृति के मरने के बाद से ही बंकित ठीक से खाना नहीं खा रहा है , जिससे उसका स्वास्थ्य गिर रहा था इसके लिए हमनेे आईवीआरआई की टीम को बुलाया। उस समय उसकी स्थिति में कुछ सुधार हुआ था लेकिन अभी भी उसकी हालत ठीक नहीं है। वह संस्कृति की याद में अभी भी कुछ खा नहीं रहा है।" अनुपम गुप्ता, निदेशक, नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान।
लखनऊ स्थित चिड़ियाघर में 20 नवंबर को हार्ट अटैक से संस्कृति की मौत हो गई थी। संस्कृति का जन्म वर्ष2008 में नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में हुआ था। इसकी माता का नाम ऐश और पिता का नाम चेतक था। संस्कृति चिड़ियाघर में अकेली थी इसलिए 2013 में कानपुर से बंकित को लाया गया था।
अनुपम गुप्ता बताते हैं, ''संस्कृति, मौत के दो दिन पहले से बीमार चल रही थी। पोस्टमार्टम के बाद पता चला कि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई।"
बंकित का इलाज कर रहे बरेली स्थित आईवीआरआई के पशुचिकित्सक डॉ. ए.एम. पावड़े बताते हैं, ''बंकित काफी समय से मादा संस्कृति के साथ रह रहा था। अब उसके न होने पर वो हुड़क रहा है इसलिए वह बाड़े में भागता फिरता है। उसका इलाज चल रहा है कुछ समय में वो संस्कृति को भूल जाएगा और ठीक हो जाएगा।"
जू में आएगी मादा जेब्रा
निदेशक अनुपम ने बताया कि जू में अब एक ही नर जेब्रा बचा हुआ है इसलिए देश के कई जू से संपर्क किया गया है जल्द ही मादा जेब्रा को लाया जाएगा। अगर जू में मादा उपलब्ध न हुई तो विदेश से मंगाने का प्रयास किया जाएगा। जेब्रा भारत तथा एशिया महाद्वीप में नहीं पाये जाते है। यह अफ्रीका के जंगलों में प्राकृतिक रुप से पाए जाते है।