प्यासे जानवर इंसानों पर कर रहे हमला

Update: 2016-04-21 05:30 GMT
gaoconnection

लखीमपुर। दुधवा नेशनल पार्क में जंगल के नज़दीक खेतों पर काम करने गए अंजनी (50 वर्ष) बीते 16 अप्रैल को गायब हो गए। 

गाँव वालों ने खोजना चाहा लेकिन पता नहीं चला। दो दिन बाद लखीमपुर खीरी जिले में पलिया के नज़दीक गाँव बिहारीपुर में जंगल के पास ही अंजनी की लाश मिली। अंजनी के शरीर से दोनों पैर और कमर तक का हिस्सा गायब था। गाँव वालों के अनुसार बाघिन ने अंजनी पर हमला करके मार डाला। 

ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी किसान पर जंगली जानवर ने हमला किया हो, लेकिन पिछले कुछ समय में हमलों की संख्या में अचानक इज़ाफा हुआ है। इस क्षेत्र में पिछले तीस दिनों में किसी जंगली जानवर का गाँव वाले पर यह चौथा हमला है। 

ग्रामीण इन हमलों के अचानक बढ़ने का कारण जंगलों में सूख चुके जलाशयों को मान रहे हैं। जंगली शिकारी जानवर व उनके शिकार, दोनों ही पानी की तलाश में आबादी वाले क्षेत्रों में घुस रहे हैं। 

दुधवा के अफसर सूखे की बात को तो मान रहे हैँ लेकिन वे इन हमलों को बाघ से जोड़ने से बच रहे हैं। “बाघ जल्दी इंसानों पर हमला नहीं करते हैं, जब तक कि लोग उसे परेशान नहीं करते हैं,” पार्क के वन्य जीव अधिकारी डॉ वीपी सिंह ने कहा।

हालांकि डॉ सिंह ने पानी की तलाश में बाघों के गाँव तक पहुंचने की बात को स्वीकारा, “इस बार जंगल में पानी के ज्य़ादातर साधन सूख गए हैं। इसलिए बाघ पानी के लिए गाँव तक पहुंच जाते हैं।”घाघरा के इस तराई इलाके में बसे लखीमपुर के दुधवा नेशनल पार्क में सूखे के स्पष्ट संकेत हैं। तालाब-पोखर जैसे जलाशय तो सूख ही गए थे, पार्क के बीच से गुज़रने वाली सुहेल नदी भी सिकुड़ गई है। यह नदी पार्क में रहने वाले जानवरों की बहुत बड़ी जनसंख्या के लिए पानी का मुख्य स्रोत है। इन घटनाओं के कारण दुधवा नेशनल पार्क के आस-पास के गाँव के लोगों डर में अपने दिन काट रहे हैं। इस मामले में पार्क के अंतर्गत बेलरायां क्षेत्र के रेंजर एनके शुक्ला कहते हैं, “बाघ या तेंदुआ कोई भी हो सकता है हम जांच कर रहे हैं। पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाया जाएगा। डब्लू डब्लू ऍफ़ के लोगों ने भी मौका मुआयना किया है।’’ 

बेलरायां क्षेत्र में यह पहली मौत है। इसके पहले मैलानी के कुकरा इलाके में तीन लोगों को बाघ अपना शिकार बना चुका है।

रिपोर्टर - प्रतीक श्रीवास्तव

Similar News