भाजपा राज में अराजकता का बोलबाला: अखिलेश यादव

Update: 2017-05-11 20:05 GMT
पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ को संबोधित करते अखिलेश यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार के कारण राज्य में आतंक फैल रहा है। उत्तर प्रदेश में कानून का राज नही है, अराजकता का बोलबाला है। सत्तारूढ़ दल ही कानून व्यवस्था बिगाड़ना चाहता है, जिस दिन से भाजपा सरकार आई हैं राज्य में तनाव है।

अखिलेश यादव प्रदेश पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अंतर्गत प्रजापति समाज को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।अखिलेश यादव ने कहा है कि देश इस समय बाहरी और भीतरी तमाम समस्याओं से जूझ रहा है, सीमाएं असुरक्षित है। आतंकवाद पर लगाम नहीं है। भाजपा इनसे आंखे मूंदे हुए है। वह जानबूझकर इनका समाधान नहीं चाहती है। केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों को विकास के लिए ठोस कदम उठाने की जगह देश को गुमराह करना और समाज को उलझाएं रखना आसान लगता है। भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति लोकतंत्र को कमजोर करती है।

इस अवसर पर प्रजापति समाज के वक्ताओं ने कहा कि वे हमारे समाज पर विश्वास करने के लिए अखिलेश यादव के आभारी हैं। उनसे हम बहुत उम्मीदें रखते है। यह समाज उनको निराश नहीं करेगा। प्रजापति समाज मिट्टी से जुड़ा हुआ हैं शिल्पकारों और दस्तकारों को विशेष अवसर देने तथा आगे बढ़ाने का काम भी समाजवादी सरकार ने किया है। 17 जातियों को अनुसूचित जाति में समाजवादी सरकार ने ही शामिल कराने का प्रयास सराहनीय है। इसलिए समाजवादी पार्टी को हर स्तर पर मजबूत किया जाएगा। ’’ सामाजिक न्याय के लिए समाजवादी पार्टी काम करती रही है इस सम्बंध में जातीय जनगणना की हमने मांग की, क्योंकि इसके खुलासे से ही सामाजिक न्याय का रास्ता आसान होगा। इससे उनके विकास के लिए नीतियां बनाने में सफलता मिलेगी।’’ अखिलेश यादव ने कहा।

समाजवादी पार्टी अपने सिद्धांतों पर चलते हुए समाजवाद, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के लिए लगातार संघर्षशील है। अब हमारे सामने 2019 एवं 2022 में सफलता का लक्ष्य है। अखिलेश यादव ने बताया। इस अवसर पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चैधरी, पूर्वमंत्री राजेंद्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, अभिषेक मिश्रा, पंडित सिंह, एस.आर.एस. यादव, अरविंद कुमार सिंह के साथ ही प्रजापति समाज के शिवचरण प्रजापति, रमेश प्रजापति, फिरेराम प्रजापति, सत्यवीर प्रजापति, राजकुमार प्रजापति, रामलखन प्रजापति, रामआसरे विश्वकर्मा, कृपारानी, कौशल्या प्रजापति, रीता प्रजापति, जय प्रकाश प्रजापति, चिरैया प्रजापति, रजनीकांता प्रजापति, कमलाकांत प्रजापति, शिवनाथ सिंह, शिव, रामगोविंद प्रजापति और संजय प्रजापति उपस्थित थे।

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