चुनाव आयोग ने 255 कागजी पार्टियों को सूची से हटाया

Update: 2016-12-23 22:25 GMT
भारत निर्वाचन आयोग।

नई दिल्ली (आईएएनएस)। चुनाव आयोग ने केवल कागज पर मौजूद 255 पार्टियों को सूची से हटा दिया है और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से आवश्यक होने पर इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने को कहा है।

इन पार्टियों में किसी ने भी साल 2005 से 2015 तक स्थानीय निकाय, विधानसभा या लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा। चुनाव आयोग ने उसके पास पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों के रिकार्ड की समीक्षा के दौरान इन पार्टियों का पता लगाया।

यद्यपि एक राजनीतिक पार्टी का पंजीकरण रद्द करने का प्रत्यक्ष अधिकार चुनाव आयोग के पास नहीं है, लेकिन वह जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए पार्टी का चुनाव चिन्ह वापस ले सकता है।

दिलचस्प है कि इन पार्टियों में कुछ द्वारा दिए गए पतों में केंद्रीय गृह मंत्री का वर्तमान आवास और पटियाला हाउस अदालत के वकीलों के चेम्बर भी शामिल हैं।

एक पार्टी ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव जनता ने अपना पता 17, अकबर रोड दिया है, जो वर्तमान में गृह मंत्री राजनाथ सिंह का सरकारी निवास है। एक अन्य पार्टी पवित्र हिन्दुस्तान कड़गम ने अपने पता 11, हरीश चंद्र माथुर लेन दिया है जो जम्मू एवं कश्मीर सीआईडी का कार्यालय है।

इसी तरह अखिल भारतीय दस्तकार मोर्चा और राष्ट्रीय युवा लोकतांत्रिक पार्टी ने अपना पता क्रमश: चेम्बर नंबर 187 और 461, पटियाला हाउस अदालत दिया है।

चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 की उप धारा 29ए और पैरा 17 के तहत ऐसी 255 पार्टियों को गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक पार्टियों की सूची से हटा दिया है।

चुनाव आयोग ने सीबीडीटी को लिखे एक पत्र में लिखा है, "जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 के नियम 29 बी और 29 सी के आलोक में यह आपकी जानकारी और आवश्यकता पड़ने पर कार्रवाई के लिए है।"

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