बिहार में जदयू, राजद, कांग्रेस का महागठबंधन बिखराव की ओर: सुशील मोदी 

Update: 2017-04-03 15:01 GMT
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी।

नई दिल्ली (भाषा)। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि बिहार में जदयू, राजद, कांग्रेस का महागठबंधन बिखराव की ओर बढ़ चला है। साथ ही उन्होंने सवाल किया कि अगर यह अटूट है तब इन दलों के नेताओं को हर दिन इसकी मजबूती को लेकर बयान क्यों देने पड़ते हैं?

सुशील मोदी ने कहा कि दरअसल महागठबंधन कई मुद्दों पर न केवल बंटा हुआ है बल्कि अब बिखराव की ओर भी बढ़ चला है। जो हालात पैदा हुए हैं वैसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए अपना कार्यकाल पूरा करना संभव नहीं लग रहा है।

उन्होंने सवाल किया कि अगर महागठबंधन वाकई अटूट है तो उसकी मजबूती पर लोगों को रोज रोज बयान क्यों देने पडते हैं? एक तरफ ये लोग एकजुटता के दावे करते हैं तो दूसरी तरफ एक घटक दूसरे से पूछता है कि दो सांसदों वाली पार्टी के नेता प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी कैसे हो सकते हैं?

भाजपा नेता ने कहा कि बिहार में जदयू-राजद और कांग्रेस का तथाकथित महागठबंधन बिखराव की ओर अग्रसर है। कुछ ही दिन पहले वैशाली के राधोपुर में आयोजित सरकारी कार्यक्रम से न केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर गायब थी बल्कि चारों तरफ राजद के झ्रंड़े लहरा रहे थे। राजद के अलावा सरकार में शामिल सहयोगी दल जदयू और कांग्रेस के किसी मंत्री और विधायक तक को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था। इसी प्रकार मुख्यमंत्री के यात्रा कार्यक्रम में भी कहीं उपमुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम आने के बाद लालू प्रसाद के इशारे पर राजद के वरिष्ठ नेता और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने सपा-कांग्रेस गठबंधन की हार के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेवार ठहराया। नोटबंदी के मुद्दे पर भी महागठबंधन के दल आपस में बंटे रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां नोटबंदी का समर्थन कर रहे थे वहीं कांग्रेस और राजद विरोध में धरना और प्रदर्शन के कार्यक्रम आयोजित कर रहे थे।

सुशील मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनाव नतीजे आने के बाद नीतीश कुमार ने अपने रुख को सही करार देते हुए कहा कि नोटबंदी का कडा विरोध करने के कारण ही सपा-कांग्रेस की इतनी बुरी हार हुई है।

प्रदेश के महागठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ उच्च शिक्षा प्राप्त लाखों युवा बेरोजगार हैं। दूसरी तरफ कालेजों में कई वर्षो से शिक्षकों के 9 हजार पद रिक्त हैं। 2016-17 में इंटर पास 5 लाख छात्रों को क्रेडिट कार्ड देने का लक्ष्य रखकर इसका ढिढोरा पीटा गया था। लेकिन प्रदेश सरकार मात्र 726 छात्रों को क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करा सकी। कालेज शिक्षकों की नियुक्ति का मामला भी अधर में लटका हुआ है।

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि तीन तलाक, बांग्लादेश घसुपैठ और अवैध बूचडखानों पर चुप्पी साधकर नीतीश कुमार तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रदेश में मुस्लिम समाज के लिए रोजीरोटी और तालीम की समस्याएं हल हो गई हैं?

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