पढ़िए ‘आप’ ने राजौरी में अपनी हार का जिम्मेदार किसको ठहराया 

Update: 2017-04-13 15:38 GMT
मनीष सिसोदिया, उप मुख्यमंत्री, दिल्ली

नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने राजौरी गार्डन विधानसभा सीट के उपचुनाव में पार्टी की शर्मनाक हार के लिये पूर्व विधायक जरनैल सिंह के इस्तीफे से जनता में नाराजगी को जिम्मेदार ठहराया है। आप नेता और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राजौरी गार्डन का चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले ही पार्टी की हार स्वीकार करते हुये कहा कि जरनैल के इस्तीफे से जनता की नाराजगी को दूर कर पाने में पार्टी नाकाम रही।

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ज्ञात हो कि 14 दौर की मतगणना पूरी होने से पहले 12वें दौर में ही आप उम्मीदवार हरजीत सिंह के भाजपा अकाली उम्मीदवार मनजिंदर सिंह सिरसा से 23 हजार मतों से पीछे होते ही सिसोदिया ने पार्टी की हार स्वीकार करते हुये कहा कि चुनाव परिणाम आप के पक्ष में नहीं है।

जरनैल सिंह के पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरने से राजौरी गार्डन की जनता थोड़ा नाराज थी। हमने इस बाबत जनता से बात भी की लेकिन शायद लोगों में नाराजगी कम नहीं हुयी।
मनीष सिसोदिया, उप मुख्यमंत्री, दिल्ली

उपचुनाव के नतीजों से नगर निगम चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने का भरोसा दिलाते हुये सिसोदिया ने कहा कि निगम चुनाव के मुद्दे अलग हैं और आप पूरी मजबूती से निगम चुनाव लड़ रही है, इसके बलबूते हमें जीत का पूरा विश्वास है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस उपचुनाव परिणाम को दिल्ली की केजरीवाल सरकार के प्रति जनता की नाराजगी के रुप में पेश कर रही हैं।

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा घोषित चुनाव परिणाम में भाजपा अकाली उम्मीदवार सिरसा को कांग्रेस उम्मीदवार मीनाक्षी चंदीला के मुकाबले लगभग 15 हजार मतों से जीत हासिल हुयी जबकि हरजीत सिंह महज 10 हजार मत मिलने के साथ ही तीसरे स्थान पर रहे। वह जमानत बचाने के लिये जरुरी कुल वैध मतों का 16 प्रतिशत भी हासिल नहीं कर सके।

इसके साथ ही 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा अकाली गठबंधन के विधायकों की संख्या तीन से बढकर चार हो गयी है। जबकि आप 67 से सिमट कर 66 पर आ गयी है।

साल 2015 के चुनाव में आप उम्मीदवार जरनैल सिंह ने सिरसा को 10 हजार मतों से हराया था। पिछले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार धनवंती चंदीला महज 8 प्रतिशत वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहीं थी। जबकि दो साल बाद हुये उपचुनाव में चंदीला की पुत्रवधू मीनाक्षी चंदीला के प्रत्याशी रहते कांग्रेस के मत प्रतिशत में 21 फीसदी उछाल के साथ यह 33 प्रतिशत हो गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने इसे उपलब्धि बताते हुये निगम चुनाव के लिये बेहतर संकेत बताया है।

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