डिहाइड्रेशन से बचने के लिए आम पना और नींबू पानी पिएं 

Update: 2018-05-25 02:50 GMT
साभार- इंटरनेट

लखनऊ। गर्मी के मौसम में लू लगने और शरीर में पानी की कमी होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। डिहाइड्रेशन और हीटस्ट्रोक जैसी तमाम दूसरी समस्याओं से लोगों परेशान होना आम सी बात हो जाती है लेकिन थोड़ी सी सावधानी आपको इन परेशानियों से बचा सकती है।

डिहाइड्रेशन से दूर रहने के कुछ तरीके आपको बता रहे हैं लखनऊ के जनरल फीजिशियन डॉ एमए खान जिन्हें अपनाकर आप आसानी से इस समस्या से बच सकते हैं-

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हमारे शरीर के 70 प्रतिशत हिस्से में पानी है। इस लिहाज से हम यह सोच सकते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए यह हमारे लिए कितना जरूरी है। शरीर में होने वाली पानी की कमी को डिहाइड्रेशन कहा जाता है। खासकर गर्मी में होने वाली यह समस्या कई बार जानलेवा भी साबित हो जाती है।

गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी के कई कारण है, जैसे ज्यादा पसीना आना, उल्टी, लूज़मोशन, समय से भोजन ना करना और इसका सबसे मुख्य कारण पानी की कम मात्रा का सेवन करना।

डिहाइड्रेशन क्या है?

इंसान के लिए हर बीमारी घातक होती, उन बीमारियों में से एक है डिहाइड्रेशन। वैसे यह है तो एक छोटी-सी समस्या लेकिन इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह घातक रूप भी ले सकती है। अगर इसे हम सामान्य भाषा में जाने तो पानी की कमी से होने वाले रोग को डिहाइड्रेशन कहा जाता है।

लक्षण

  • सिरदर्द व चक्कर आना
  • उल्टी होना
  • शरीर का तापमान कम होना
  • मूत्र कम और पीले रंग का होना
  • अत्यधिक मुंह सूखना
  • बार-बार पानी पीना
  • मांसपेशियों में कमजोरी होना

डिहाइड्रेशन होने पर क्या करें—-

डिहाइड्रेशन की समस्या से बचने के लिए सबसे पहले शरीर में पानी की कमी ना होने दें और घर के साफ पानी का ही उपयोग करें तथा थोड़ी-थोड़ी देर में पानी, आम पना, कच्चे दूध की लस्सी, नारियल पानी, शरबत, नींबू की शिकंजी, छाछ या फिर दवा की दुकानों पर मिलने वाले ओआरएस का सेवन करते रहना चाहिए। डिहाइड्रेशन को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए। कई बार लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं जो बाद में बड़ा खतरनाक रूप तक ले लेता है, इसलिए थोड़ी परेशानी होने पर भी आप तुरंत डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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डिहाइड्रेशन तीन प्रकार का होता है-

  • हायपोटोनिक डिहाइड्रेशन : इसमें सामान्य रूप से इंसान के शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है, इसमें खासकर सोडियम की कमी लोगो में ज्यादा पाई जाती है।
  • हाइपरटोनिक डिहाइड्रेशन : यह शरीर में पानी की अत्यधिक कमी हो जाने पर होता है।
  • आइसोटोनिक डिहाइड्रेशन: जब शरीर में पानी के साथ-साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की भी कमी हो जाती है। अगर ये डिहाइड्रेशन ज्यादा हो जाए तो उस मरीज की हालात काफी गंभीर हो जाती है।

डिहाइड्रेशन से कैसे बचा जा सकता है

बढ़ती गर्मी, सूरज की तेज़ धूप और उमस से लोगों को डिहाइड्रेशन का शिकार होना पड़ता है। वैसे तो अधिक मात्रा में पानी पीने से आप खुद को काफी हद तक इस समस्या से बचा सकते हैं, लेकिन सिर्फ पानी-पीने से आप न्यूट्रीशन को वापस नहीं पा सकते हैं, क्योंकि शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाएं रखना भी बहुत ज्यादा जरुरी है। इसलिए आप संतरे के जूस का अधिक सेवन करें। संतरे में विटामिन सी, फाइबर और कई अन्य न्यूट्रीशन होने के कारण यह डिहाइड्रेशन से बचने के लिए एक असरदार घरेलू उपचार माना गया है।

नींबू पानी

नींबू पानी में विटामिन-सी होता है। जो हमारी प्रतिरोधक क्षमता को ठीक रख कर, हमें सेहतमंद और तंदुरुस्त बनाए रखता है। डिहाइड्रेशन के कारण शरीर में हुई पानी की कमी को पूरा करने में नींबू पानी बहुत सहायक होता है।

आमपना

आमपना यानि की कच्चे आमों और चीनी से बनाया हुआ पेय है। इसमें स्वाद के अनुसार चीनी, काला-नमक और हल्का जीरा मिलाया जाता है। यह हृदय रोगी, टीबी, एनीमिया, हैजा जैसी बीमारियों में भी बहुत लाभदायक होता है। इसमें सोडियम, जिंक और विटामिन C होता है, जो पानी की कमी को पूरा करता है और नई रक्त कोशिकाओं को बनाने में भी मदद करता है और ये खास कर डिहाइड्रेशन में बहुत लाभदायक साबित होता है।

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पानी की कमी से हो सकती हैं ये परेशानियां

शरीर में पानी की कमी से कई समस्याएं जैसे शरीर में चर्बी बढ़ना, पाचन क्रिया कमजोर होना, अंगों का ठीक प्रकार से काम न कर पाना, शरीर में विषाक्तता का बढ़ना, जोड़ों और पेशियों में दर्द होना आदि। इतना ही नहीं जो लोग प्रतिदिन व्यायाम करते हैं उनके लिए पानी की कमी और भी अधिक नुकसानदायक हो सकती है। कई बीमारियां जैसे बुखार, उल्टी, ब्लैडर इंफेक्शन, पथरी इत्यादि होने पर शरीर में पानी की मात्रा बहुत कम हो जाती है। कई बार लोग सिर्फ प्यास लगने पर ही पानी पीते हैं जबकि प्यास लगे न लगे दिन में आठ गिलास पानी पीने से डिहाइड्रेशन की समस्या से आसानी से बचा जा सकता है।

कब एवं कैसा पानी पिए

पानी हमेशा खाना खाने से आधा घंटा पहले या खाना खाने के एक घंटे बाद पीना चाहिए। गर्मी में बाहर से आकर तुरंत पानी न पीएं बल्कि थोड़ी देर रूककर सामान्य पानी पीना चाहिए। यदि आपको हार्ट बर्न या कब्ज की समस्या है, तो पानी में एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिएं। खाने के बीच में पानी कभी न पीएं इससे आपको खाना पचाने में मुश्किल होगी। सुबह-सुबह उठकर पानी पीना बहुत फायदेमंद रहता है।

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