लखनऊ के सिविल अस्पताल में विशेषज्ञों की कमी से मरीज हो रहे रेफर 

Update: 2017-05-06 11:10 GMT
सिविल अस्पताल में विशेषज्ञों की कमी के कारण मरीजों को अस्पताल से रेफर किया जा रहा है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। सरकार अस्पतालों को लगातार सुविधाएं दे रही है, लेकिन कहीं न कहीं कमीं जरूर रह जाती है, जिसकी वजह से मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ता है। लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में विशेषज्ञों की कमी के कारण मरीजों को अस्पताल से रेफर किया जा रहा है। मरीजों को दूसरे अस्पतालों में अपना इलाज करवाने की सलाह दी जा रही है।

सिविल अस्पताल में अपने पैर का इलाज करवाने आये निशातगंज निवासी बल्लू प्रसाद (60 वर्ष) बताते हैं, “हमारे पैर में सूजन आ गई है, जिसका इलाज करवाने के लिए हम यहां आये थे, लेकिन यहां पर कह दिया गया है कि यहां पर इलाज संभव नहीं है आप कहीं और इलाज करवा लीजिये।”

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उनके साथ आये उनके बेटे ने ऑटो में बैठते हुए कहा, “शायद इन्हें फीलपांव हो गया है, जिसके यहां पर डॉक्टर नहीं है। यहां पर डाक्टर ने बोला है कि इन्हें लेकर पीजीआई या फिर मेडिकल कॉलेज जाओ वहीं इलाज हो पायेगा।”

अपने भाई का गोसाईंगंज से इलाज करवाने आये प्रमोद पाण्डेय ने बताया, मेरा भाई अचानक से गिर गिया और उसके बाद से अपने आप खड़ा नहीं हो पा रहा है और न ही कुछ खा पा रहा है। यहां पर इलाज करवाने के लिए आये हैं इमेरजेंसी वार्ड में बोल दिया गया है कि अस्पताल में इस बीमारी के डॉक्टर ही नहीं हैं।”

उन्होंने आगे बताया, “अब हम अपने भाई को बलरामपुर अस्पताल लेकर जा रहे हैं, सरकारी अस्पताल वो भी है पता नही वहां पर डॉक्टर मिल भी पायें या नहीं।” ऐसी हालत सिर्फ इन दो मरीजों की ही नहीं बल्कि ऐसे कई मरीज आते हैं लेकिन उन्हें बिना किसी इलाज के वापस होना पड़ता है। आपातकालीन चिकित्साधिकारी डॉ विनायक त्रिपाठी ने बताया,“रोजाना मरीजों को वापस जरूर होना पड़ता है, जिसका कष्ट हमें भी होता है।

अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिस्ट और गैस्ट्रोलॉजिस्ट की कमी है, जो मरीजों के लौटने का कारण है। अस्पताल में जल्द ही इसकी भी व्यवस्था करवाई जाएगी। हर विभाग अलग-अलग होंगे और जल्द ही एक अलग से ट्रामा सेंटर भी खुलेगा, जिससे मरीजों को कहीं भी जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।"

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