मोटापे से परेशान हैं? ये टिप्स कम करेंगी आपकी परेशानी

मोटापा को बीमारियों की फैक्ट्री कह सकते है। मोटापे के बारे में जानकारी दे रहे हैं केजीएमयू के विशेषज्ञ डॉ सूर्यकान्त...

Update: 2020-02-12 06:31 GMT

आज के समय में मोटापा एक तेजी से उभरती हुए समस्या के रूप में सामने आ रहा है। तेज रफ्तार जीवनशैली समाज के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल रही है। किस तरीके से मोटापा  हमारे जीवनशैली को प्रभावित कर रहा है और इससे बचने के क्या उपाय है इस बारे में हमनें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सूर्यकान्त से बात की।

डॉ. सूर्यकान्त ने बताया, "डॉक्टर के द्वारा मोटापे को बॉडी मास इंडेक्स यानि बीऍमआई के आधार पर किया जाता है। इसके तहत व्यक्ति के लम्बाई और वजन के आधार पर किया गया की गयी गणना को बॉडी मास इंडेक्स यानि बीऍमआई कहते हैं। यदि यह बॉडी मास इंडेक्स 30 से ज्यादा होता है तो उस व्यक्ति को मोटापे से ग्रसित माना जाता है।

"कोई भी व्यक्ति अपने वजन को एक आसन से फार्मूला से कैलकुलेट कर के यह जान सकता है कि वह अत्यधिक वजन का है, औसत वजन का है अथवा कम वजन का है। इस फार्मूला के तहत व्यक्ति अपने लम्बाई जो की अक्सर फीट में  मापी जाती है उसे सेंटीमीटर में बदल देते है , उसके  बाद उसमे से 100 घटा देने पर व्यक्ति का सामान्य वजन निकल आता है। इस औसत वजन में पांच जोड़ या घटाने पर आया हुआ वजन व्यक्ति को अत्यधिक वजन या सामान्य से कम वजन होता है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति कि लम्बाई पांच फीट है तो उसे सेंटीमीटर में बदलने पर 150 सेंटीमीटर होगा। इसमें से 100 घटा देने पर आया हुआ वजन यानि कि 50 किलो वजन उसका औसत वजन होगा। इस तरह अगर व्यक्ति का वजन 55 से 60 किलो के बीच है तो वह व्यक्ति अत्यधिक वजन का शिकार है। अब अगर उस व्यक्ति का वजन 60 किलोग्राम से भी ज्यादा वजन तो वह मोटापे का शिकार है। इस तरह से कोई भी व्यक्ति अपने वजन का नाप कर यह जान सकता है कि आप सामान्य वजन के है ज्यादा वजन के है या कम वजन के है।" डॉ सूर्यकान्त ने बताया।

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मोटापे का कारण

मोटापा के कारणों के बारे में बताते हुए डॉ सूर्यकान्त ने कहा, "हमारा देश एक विरोधाभास से गुजर रहा है। देश में 20 करोंड़ लोग ऐसे है जिन्हें एक समय खाना नहीं मिलता। इसके साथ ही 50 प्रतिशत बच्चें ऐसे है जो कुपोषण का शिकार है वही दूसरी तरफ एक हमारे देश में कुछ जनसंख्या ऐसी है जिसके खान पान में तेजी से बदलाव आया है। मोटापे के कारणों में खान पान के साथ-साथ टेक्नोलॉजी को भी दोषी माना जा सकता है। आज कल के व्यक्ति में सक्रियता घटने के साथ के साथ ही खान-पान में कैलोरी का बढ़ाना मोटापे का बड़ा कारण है। पहले के समय में लोग जितनी कैलोरी लेते थे उसे अपने सक्रियता के साथ खर्च भी कर देते थे, लेकिन आज के समय में व्यक्ति कैलोरी ले तो रहा है पर उसे खर्च नहीं कर पा रहा है, जिससे कि वह मोटापे का कारण बन रहा है। फ़ास्ट फ़ूड में चीनी, नमक, वसा कि मात्र ज्यादा होने के कारण मोटापा तेजी से फ़ैल रहा है। बिना चबाने वाली चीजों के कारण भी मोटापा तेजी से बढ़ रहा है।"

"विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एक व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए कम से कम 10000 कदम चलाना चाहिए। मोटापा को बीमारियों की फैक्ट्री कह सकते है। मोटापे के कारण व्यक्ति को सिर से लेकर पांव तक बीमारियां हो सकती है। शरीर में जितना ज्यादा कोलेस्ट्रोल या वसा होगा यह शरीर के हिस्सों के साथ साथ खून कि नसों में जमा होता है, जिसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने, हार्ट अटैक, खर्राटे आना, फालिस आना, मधुमेह, अनिद्रा, कैंसर, पेट कि बीमारियाँ इस तरह से बहुत सी बीमारियाँ केवल मोटापे के कारण हो जाती है।" डॉ सूर्यकान्त बताया।

मानसिक प्रभाव

कोई भी व्यक्ति जब अत्यधिक मोटापे के शिकार हो जाता है और वह अपने आपको शीशे में देखता है तब वह कही न कही अवसाद का शिकार हो जाता है। वह हर समय अपने शरीर की किसी और के साथ तुलना करने लगता है, जिसके कारण वह कई बार बेचैन रहने लगता है, जिससे कि वह अन्य बीमारियों से भी ग्रसित हो जाते है।   

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