शिक्षामित्रों को शिक्षक पात्रता परीक्षा से छूट

Update: 2015-10-27 05:30 GMT

लखनऊ। बिना टीईटी उत्तर प्रदेश के 1.72 लाख शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक बनने का रास्ता साफ हो गया है।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षा मित्रों पर आदेश जारी कर दिया है। इसके लिए एनसीटीई ने मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। केंद्र सरकार और यूपी सरकार के सहयोग से नया आदेश जारी किया गया है। 

इस नए आदेश के अनुसार शिक्षामित्रों को शिक्षक पात्रता परीक्षा से छूट दी जाएगी। एनसीटीई के इस फैसले को लागू करने में किसी प्रकार की कानूनी अड़चन न आए। इसके लिए यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।

इससे पूर्व एनसीटीई ने साफ कर दिया था कि 2010 से पहले नियुक्त हुए शिक्षक और शिक्षामित्रों को सेवारत शिक्षक की श्रेणी में रखा गया है। इसलिए उन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता नहीं है। एनसीटीई के नियमों के तहत ऐसे शिक्षकों को पांच साल के भीतर पेशेवर प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है।

गौरलतब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले महीने राज्य में 1.72 लाख शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त करने की प्रक्रिया रद्द करने के आदेश दिए थे। उसमें कई बातों को आधार बनाया गया था और यह भी कहा था कि बिना टीईटी उत्तीर्ण किए उम्मीदवार को शिक्षक नियुक्त नहीं किया जा सकता।

Similar News