सोशल मीडिया पर फूटा महिलाओं का गुस्सा, एक सुर में बोलीं - ‘मैं सिंड्रेला नहीं हूं’

Update: 2017-08-10 14:43 GMT
प्रतीकात्मक तस्वीर

लखनऊ। सोशल मीडिया पर सिंड्रेला को लेकर एक हैशटैग वायरल हो रहा है। हैशटैग है #AintNoCinderella यानि मैं सिंड्रेला नहीं हूं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इसका मतलब क्या है। सिंड्रेला की कहानी बहुत फेमस है - सिंड्रेला एक खूबसूरत लड़की की कहानी है जिसकी सौतेली मां और बहनें उसे तंग करती हैं। उसके पास पार्टी में जाने के लिए अच्छे कपड़े नहीं होते। ऐसे में उसे एक जादूगरनी मिलती है जो उसकी मदद करती है और पार्टी में जाने के लिए उसे जादू से खूबसूरत कपड़े और जूती देती लेकिन साथ ही वह जादूगरनी उसे हिदायत भी देती है कि उसका जादू सिर्फ रात के 12 बजे तक ही काम करेगा और उसके बाद सिंड्रेला फिर पुराने लिबास में आ जाएगी।

अब सोशल मीडिया पर इसी कहानी को मुद्दा बनाकर #AintNoCinderella ट्रेंड कर रहा है। ये हैशटैग चंडीगढ़ के वर्णिका कुंडू मामले से जुड़ा हुआ है। इस हैशटैग को ट्रेंड कर रही महिलाओं का कहना है कि हम सिंड्रेला नहीं हैं जो 12 बजे घर वापस आ जाएंगे।

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हाल ही में चंडीगढ़ में एक बीजेपी के प्रमुख सुभाष बराला के बेटे विकास बराला पर आईपीएस की बेटी वर्णिका कुंडू का पीछा करने का आरोप लगा। इसके बाद वर्णिका ने अपनी आपबीती सोशल मीडिया पर शेयर की जो खूब वायरल हुई। जब मीडिया में ये मुद्दा चर्चित हुआ हरियाणा में बीजेपी के नेता व प्रदेश उपाध्यक्ष रामवीर भट्टी ने उल्टा वर्णिका को ही दोषी ठहराते हुए कहा कि लड़कियों को आधी रात तक घर से बाहर रहना ही नहीं चाहिए कि लड़के उनका पीछा करें। बस उनका यही बयान महिलाओं को नागवार गुज़रा और वे खुलकर विरोध में उतर आईं। इसी के बाद सोशल मीडिया पर #AintNoCinderella के साथ देशभर की लड़कियों ने ट्वीट करना शुरू कर दिया।

एक ट्विटर यूजर पलक शर्मा ने एक फोटो के साथ ट्वीट किया - हाय, आधीरात है और मैं घर के बाहर हूं।

पूर्व राष्ट्रपति की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने लिखा - अगर मैं रात के 12 बजे बाहर हूं, इसका मतलब ये नहीं हूं कि कोई मेरा रेप कर सकता है, मेरा शोषण कर सकता है या मेरा पीछा कर सकता है। मेरी इज़्ज़त 24 घंटे मेरा अधिकार है।

मशहूर लेखिका राना सफवी ने ट्वीट किया - हम भारतीय महिलाएं कांच की छतों को तोड़ने में विश्वास रखती हैं न कि कांच की जूतियों में फिट होने के लिए।

स्मिथ डिसूजा ने ट्वीट किया - मुझे मेरी ज़िंदगी जीने दीजिए। #AintNoCinderella

सना ने ट्वीट किया - ऊप्स, रात का 1.45 बजा है और मैं दिल्ली की सड़कों पर छोटी ड्रेस में घूम रही हूं। मुझे रोक सकते हो तो रोक लो। #AintNoCinderella

वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने भी इस मुहिम में साथ देते हुए ट्विटर पर लिखा - मैं बेटी, बहन, मां के लेवल्स से बहुत थक चुकी हूं। मुझे महिलाओं के अपने अधिकार के लिए आपकी मां, बहन, बेटी या पत्नी नहीं बनना।

देश की हज़ारों महिलाएं इस हैशटैग के साथ ट्वीट कर चुकी हैं। उनका कहना है कि हमारे देश में हर बात के लिए महिलाओं को ही दोषी ठहरा दिया जाता है जो पूरी तरह से गलत है।

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