देश में पहली बार: एक ऐसी मस्जिद जहां इशारों में पढ़ाई जा रही है नमाज़

Update: 2017-05-24 15:03 GMT
सोमवार को हुआ मस्जिद का उद्घाटन (प्रतीकात्मक)

लखनऊ। पिछले दिनों गायक सोनू निगम के एक ट्वीट पर हंगामा हुआ था, मामला अजान की आवाज़ से जुड़ा था और धर्म पर पहुंच गया था। गणेश उत्सव और देवी जागरण पर भी बहस हुई.. लेकिन मुंबई और दिल्ली दूर केरल में कुछ नया हुआ है.. आप भी ये पढ़िए धर्म के साथ यहां इंसानियत है और उन लोगों के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना भी, जिन्हें ऊपर वाले कुछ शारीरिक अक्षमताओं के साथ दुनिया में भेजा है।

केरल के मालाप्पुरम में एक शख्स ने ऐसी मस्जिद का निर्माण कराया है जहां अब दिव्यांग भी बिना किसी असुविधा के नमाज अता कर सकेंगे। केरल की यह मस्जिद देश की पहली ऐसी मस्जिद है जहां जुम्मे की नमाज़ और खुतबे (नमाज से पहले दिया जाने वाला उपदेश) को सांकेतिक भाषा के जरिए समझाया जाएगा। मालाप्पुरम के पुलिक्कल स्थित मस्जिद अल रहम का उद्घाटन सोमवार को ही हुआ है।

पांच एकड़ जमीन पर बनी इस मस्जिद का निर्माण एनजीओ एबिलिटी के चेयरमैन मुस्तफा मदनी ने करवाया है। मदनी ने कहा, ‘देश में और शायद विश्व में यह पहली बार है कि श्रवण बाधित लोगों के लिए मस्जिद अस्तित्व में आई हो।’

उन्होंने कहा, ‘मस्जिदों की दीवारों पर बडी एलसीडी स्क्रीन लगाईं गईं हैं ताकि नमाज में शामिल होने वाले सभी लोग, यहां तक कि महिलाएं भी अंतिम कतार में खड़े श्रद्धालु स्क्रीन देखकर नमाज पढ़ पाएं।’

उनके एनजीओ में लगभग 300 दिव्यांग छात्र पढ़ने आते हैं जिनमें 200 के करीब सुनने में असमर्थ हैं। ऐसे में कई बार दिव्यांग छात्र परेशानी की वजह से नमाज़ या प्रार्थना बीच में छोड़ देते थे। इस तरह उन्हें इस अनोखी मस्जिद के निर्माण का विचार आया। मस्जिद में शुक्रवार को सांकेतिक भाषा के जरिए नमाज़ और खुतबे बताएं जाएंगे। इसके लिए मस्जिद में सांकेतिक भाषा के स्पेशलिस्ट शामिल रहेंगे।

इस मस्जिद में करीब 500 लोगों के एक साथ नमाज पढ़ने की क्षमता है। मस्जिद के शौचालयों में रैंप्स, आर्म रेस्ट्स भी लगाए गए हैं साथ ही व्हील चेयर्स का भी बंदोबस्त भी किया गया है। अल-रहम मस्जिद का निर्माण अक्टूबर 2016 में शुरू हुआ था। इसे बनाने में करीब 75 लाख रुपये खर्च आया।

लखनऊ में है एक मस्जिद जहां महिलाएं भी पढ़ती हैं नमाज, पढ़िए पूरी ख़बर

अम्बर मस्जिद, लखनऊ।

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