भारत इंग्लैंड पांचवां क्रिकेट टेस्ट मैच के पांचवें दिन रवींद्र जडेजा के आगे इंग्लैंड नतमस्तक

Update: 2016-12-20 17:17 GMT
मैच के अंतिम दिन ग्रुप फोटो खींचवाते भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी।

चेन्नई (आईएएनएस)| चेन्नई के एम. ए. चिदंबरम स्टेडियम में भारत इंग्लैंड पांचवां क्रिकेट टेस्ट मैच के पांचवें दिन इंग्लैंड के बल्लेबाज भारतीय गेंदबाज रवींद्र जडेजा की गेंदों के आगे बेबस नजर आए। भारत ने इंग्लैंड को एक पारी और 75 रन से हराया। रवींद्र जडेजा ने इंग्लैंड के सात खिलाड़ियों को पवेलियन पहुंचाया। दोनों पारियों में रवींद्र जडेजा ने दस विकेट लिए हैं। चेन्नई टेस्ट की जीत के साथ टीम इंडिया सीरिज 4-0 से जीत गई है।

रविंद्र जडेजा की करिश्माई गेंदबाजी और चपल क्षेत्ररक्षण के दम पर भारत ने एमए चिदंबरम स्टेडियम की सपाट दिख रही पिच पर इंग्लैंड को पांचवें और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच में आज यहां पारी और 75 रन से करारी शिकस्त देकर पांच मैचों की श्रृंखला 4-0 से जीती।

इंग्लैंड ने सुबह जिस तरह से शुरुआत की थी उससे लग रहा था कि वह मैच बचाने में सफल रहेगा लेकिन इसके बाद जडेजा का जादू चला जिन्होंने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करते हुए 48 रन देकर सात विकेट लिए। इसके अलावा उन्होंने तीन कैच भी लपके और केवल दो सत्र के अंदर इंग्लैंड के दस विकेट निकालने और उसकी पारी 207 रन पर समेटने में अहम भूमिका निभाई। जडेजा ने एक मैच में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 154 रन देकर दस विकेट लिए।

इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 477 रन बनाए थे जिसके जवाब में भारत ने करुण नायर (नाबाद 303 रन) के तिहरे शतक और लोकेश राहुल (199 ) के बड़े शतक के दम पर अपनी पारी सात विकेट पर 759 रन पर पारी समाप्त घोषित की। भारत ने इस तरह से पहली पारी में 282 रन की बढ़त हासिल की थी। इंग्लैंड ने आज सुबह जब शुरुआत की तो वह भारत से 270 रन पीछे थे। पहला सत्र इंग्लैंड के नाम रहा लेकिन दूसरे सत्र से कहानी बदल गयी। इंग्लैंड ने 104 रन के अंदर अपने सभी विकेट गंवा दिए।

नया भारतीय रिकार्ड, पिछले 18 टेस्ट जीते

भारत ने पिछले 18 टेस्ट में कोई मैच नहीं गंवाया है जो कि नया भारतीय रिकार्ड है। यही नहीं उसने इस साल कुल नौ टेस्ट मैचों में जीत दर्ज की। यह एक कैलेंडर वर्ष में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले उसने 2010 में आठ टेस्ट मैच जीते थे। इंग्लैंड की टीम लगातार दूसरे मैच में पहली पारी में 400 रन का स्कोर बनाने के बावजूद हार झेलने वाली दूसरी टीम भी बन गई। इससे पहले 2010 में आस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ ही लगातार दो मैच इस तरह से गंवाए थे।

यह पहला अवसर है जबकि भारत ने इंग्लैंड से किसी श्रृंखला में 4-0 से हराया। इससे पहले उसने अपने इस प्रतिद्वंद्वी को 1993 में अपनी सरजमीं पर 3-0 से हराया था।

भारत पहले सत्र में विकेट हासिल नहीं कर पाया। कप्तान एलिस्टेयर कुक (49) और कीटन जेनिंग्स ( 54) ने कुछ विषम पलों से गुजरने के बावजूद भारत को पहले सत्र में सफलता नहीं मिलने दी और सुबह बिना किसी नुकसान के 12 रन से स्कोर 97 रन पर पहुंचाया, लेकिन जिस तरह से बांग्लादेश के खिलाफ मीरपुर में इंग्लैंड ने 64 रन के अंदर दस विकेट गंवाए वैसी ही कुछ स्थिति चेपक स्टेडियम में भी बनी और इंग्लैंड दो सत्र में धरासाई हो गया।

जडेजा ने छठी बार पांच या इससे अधिक विकेट लिए

इंग्लैंड का स्कोर एक समय बिना किसी नुकसान के 103 रन था जो लंच के बाद पहले घंटे के अंदर ही चार विकेट पर 129 रन हो गया। चाय के विश्राम के बाद फिर से यही कहानी दोहराई गई। पिच अब भी सपाट थी लेकिन भारतीय गेंदबाजों की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने बल्लेबाजों पर दबाव बनाकर उन्हें विकेट गंवाने के लिए मजबूर किया।

इंग्लैंड की पारी के पतन का श्रेय जडेजा को जाता है जिन्होंने अपने करियर में छठी बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट लिए। उन्होंने सुबह चार रन के निजी योग पर जीवनदान पाने वाले कुक को आउट करके भारत को पहली सफलता दिलाई। कुक को जडेजा ने श्रृंखला में छठी बार पवेलियन की राह दिखाई।

जडेजा ने बनाई जीत की राह

बाएं हाथ के इस स्पिनर ने इसके बाद जडेजा ने इसके बाद जेनिंग्स और भरोसमंद जो रुट (छह) को आउट किया जबकि तीसरे सत्र में मोईन अली (44) और बेन स्टोक्स (23) के महत्वपूर्ण विकेट हासिल किए। मोईन और स्टोक्स ने चाय के विश्राम से पहले 19 ओवर तक अपनी टीम को कोई झटका नहीं लगने दिया था। उन्होंने बाद में स्टुअर्ट ब्राड और जेक बाल को आउट करके इंग्लैंड की पारी का अंत किया। दूसरे छोर से इशांत शर्मा (17 रन देकर एक), अमित मिश्रा (30 रन देकर एक) और उमेश यादव (36 रन देकर एक) ने एक एक विकेट निकालकर जडेजा का अच्छा साथ दिया। पिछले कुछ समय से भारतीय जीत के नायक रहे रविचंद्रन अश्विन ने पूरे मैच में केवल एक विकेट लिया लेकिन भारत ने दिखा दिया कि उनके नहीं चल पाने के बावजूद वह जीत दर्ज कर सकता है।

कुक को जड़ेजा ने पहुंचाया पवेलियन

जडेजा ने लंच के बाद पहले ओवर में ही कुक के खिलाफ पगबाधा की जोरदार अपील की थी, जिसे अंपायर ने ठुकरा दिया। भारत ने रिव्यू लिया लेकिन उसमें भी मैदानी अंपायर का फैसला ही सही साबित हुआ। इस स्पिनर के अगले ओवर में हालांकि भाग्य ने कुक का साथ नहीं दिया। जडेजा की गेंद को चूमकर लेग स्लिप में खडे केएल राहुल के पास पहुंची जिन्होंने कैच लेने में कोई गलती नहीं की।

जेनिंग्स ने जडेजा को वापस कैच थमाया। एक तरह से उन्होंने गेंदबाज को कैच का अभ्यास कराया। रुट ने स्वीप करने का प्रयास किया लेकिन वह चूक गये और पगबाधा होकर पवेलियन लौटे। मैदानी अंपायर ने हालांकि उन्हें आउट नहीं दिया और भारतीय कप्तान विराट कोहली ने साथियों से सलाह मशविरा करने के बाद डीआरएस का सहारा लिया। रीप्ले से साफ हो गया कि गेंद लेग स्टंप को हिट कर रही थी।

इसके बाद बेयरस्टॉ ने इशांत की गेंद डीप मिडविकेट पर फ्लिक किया लेकिन जडेजा ने अपनी चपलता का शानदार नमूना पेश करके दौड़ लगाकार बेहतरीन कैच लिया। मोईन और स्टोक्स ने पांचवें विकेट के लिए 63 रन जोड़कर इंग्लैंड की मैच बचाने की उम्मीद बनाए रखी लेकिन जडेजा ने इन दोनों को लगातार ओवर में पवेयिलन की राह दिखाकर भारतीय खेमे की खुशी दूनी कर दी।

दबाव में खेल रहे थे इंग्लैंड के बल्लेबाज

इंग्लैंड के बल्लेबाज काफी दबाव में खेल रहे थे और जडेजा ने इसका फायदा उठाया। मोईन ने उनकी गेंद पर मिड आन पर खड़े अश्विन को कैच थमाकर अपना विकेट इनाम में दिया जब स्टोक्स ने खराब शाट खेलकर मिडविकेट पर नायर को कैच दिया। मिश्रा ने अगले ओवर में लियाम डॉसन को गुगली पर बोल्ड किया जबकि जडेजा ने उमेश यादव की गेंद पर आदिल राशिद का सीधा कैच लेने में कोई गलती नहीं की।

जोस बटलर ने एक छोर पर खूंटा गाड दिया था। उन्होंने 50 गेंद खेली और नाबाद छह रन बनाए। ऐसे में जडेजा ने अपने एक आवेर में दूसरे छोर पर खडे ब्राड और बॉल को पवेलियन भेजकर भारतीयों को जीत के जश्न में डुबो दिया।

जीत के बाद खुशी जताते भारतीय कप्तान विराट कोहली।

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