नागपुर में रणजी ट्राफी सेमीफाइनल में गुजरात को चुनौती देगा झारखंड

Update: 2017-01-01 11:46 GMT
रणजी ट्राफी का लोगो।

नागपुर (भाषा)। नववर्ष के पहले दिन रविवार को नागपुर में रणजी ट्राफी सेमीफाइनल मैच गुजरात क्रिकेट टीम और झारखंड क्रिकेट टीम के बीच खेला जाएगा।

रणजी ट्राफी के मौजूदा सत्र में सर्वाधिक रन बनाने वाले गुजरात के प्रियांक पांचाल और सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले झारखंड के शाहबाज नदीम रणजी ट्राफी सेमीफाइनल में जब आमने सामने होंगे तो रोमांचक मुकाबले की उम्मीद की जा रही है। दोनों टीमों को पारंपरिक रूप से प्रबल दावेदार नहीं माना जाता लेकिन मौजूद सत्र में तटस्थ स्थानों पर अपने प्रतिभावान खिलाड़ियों के लगातार अच्छे प्रदर्शन की बदौलत इन्होंने अंतिम चार में जगह बनाई। रणजी ट्राफी के इतिहास में यह पहला मौका है जब झारखंड ने नये फार्मेट में सेमीफाइनल में जगह बनाई है।

गुजरात के लिए मौजूदा सत्र में पांचाल ने 1100 से अधिक रन बनाए हैं। सलामी बल्लेबाज समित गोहेल ने भी पिछले मैच में विश्व रिकार्ड 359 रन की पारी खेली। इसके अलावा विकेटकीपर कप्तान पार्थिव पटेल की मौजूदगी से भी गुजरात की टीम को मजबूती मिलेगी। पार्थिव को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 10000 रन पूरे करने के लिए 400 से भी कम रन चाहिए। टीम को हालांकि बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल की कमी खलेगी जो अंगुली के आपरेशन के कारण नहीं खेल पाएंगे। यार्कर विशेषज्ञ जसप्रीत बुमराह हालांकि एक बार फिर टीम के लिए अहम हथियार साबित हो सकते हैं। बुमराह को इस मैच के जरिए इंग्लैंड के खिलाफ आगामी एकदिवसीय श्रृंखला की तैयारी करने का मौका भी मिलेगा।

झारखंड की उम्मीदें हालांकि काफी हद तक इस पर निर्भर करेंगी कि जामथा की पिच पर बाएं हाथ के स्पिनर नदीम कैसी गेंदबाजी करते हैं जो श्रृंखला में अब तक 50 विकेट चटका चुके हैं, उन्हें राहुल शुक्ला का अच्छा साथ मिला है।

झारखंड की बल्लेबाजी काफी हद तक बाएं हाथ के युवा इशान किशन पर निर्भर करेगी जो 719 रन के साथ मौजूदा सत्र में टीम के सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं, उन्होंने दिल्ली के खिलाफ 273 रन की पारी भी खेली थी। उन्हें अब तक सौरभ तिवारी और इशांक जग्गी जैसे अनुभवी खिलाड़ियों का अच्छा साथ मिला है जबकि युवा विराट सिंह भी गुजरात के गेंदबाजों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं। झारखंड की सफलता में हालांकि भारत की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की मेंटर और रणनीतिकार के रूप में भूमिका अहम रही है।

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