आधार कार्ड से लिंक करके पीओएस मशीन से मिलेगा उर्वरक

Update: 2017-04-19 21:47 GMT
आधार कार्ड से लिंक करके पीओएस मशीन से मिलेगा उर्वरक।  

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। अब राशन की दुकानों की तरह ही उर्वरक की दुकानों पर भी पीओएस मशीन लगायी जा रहीं हैं, जिसे किसानों के आधार कार्ड को जोड़ा रहा है। जिससे किसान का पूरा डाटा रहेगा कि किसाने कितना उर्वरक लिया है, इससे धांधली नहीं हो पाएगी।

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एलपीजी सिलेंडरों की सब्सिडी की तरह अब खाद खरीदने वाले किसानों के बैंक खाते में भी सब्सिडी की रकम सीधे पहुंचेगी। इसके लिए सभी खाद विक्रेताओं पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनें दी जा रही है। इसके जरिए डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों को सीधे फायदा पहुंचेगा।

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के संयुक्त कृषि निदेशक (उर्वरक) डॉ. ओमवीर सिंह इस योजना के बारे में कहते हैं, "अभी तक ये होता था कि उत्तर प्रदेश के लिए उर्वरक आता था और पता चलता था कि बिचौलियों के माध्यम से दूसरे प्रदेशों तक पहुंच जाता क्योंकि कोई मानक नहीं था। लेकिन इस योजना से किसानों को ही लाभ होगा, क्योंकि ये आधार से जोड़ा जा रहा है और उसमें किसान की पूरी जानकारी रहेगी और उसने कब और कितना उर्वरक खरीदा है।"

प्रदेश में कुल 37 हजार 48 उर्वरक की दुकानें हैं जहां पर पीओएस मशीनें लगाईं जा रहीं हैं और दुकान संचालकों पीओएस मशीन चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसके लिए उवर्रक कंपनियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह उर्वरक विक्रेताओं को पीओएस उपलब्ध कराएं। प्रदेश में इफको को ये जिम्मेदारी दी गई है।

फर्टिलाइजर्स मैनेजमेन्ट सिस्टम (एफएमएस) में पंजीकृत उर्वरक विक्रेताओं की संख्या के आधार पर ही पीओएस मशीन की संख्या का निर्धारण किया गया है। उसी के अनुसार पीओएस मशीन के स्थापना के लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं।

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संयुक्त कृषि निदेशक आगे बताते हैं, "भविष्य में किसानों की खेत के मृदा स्वास्थ्य कार्ड की जांच रिपोर्ट फीड किया जाएगा, जिससे किसान को जमीन के रकबे और उर्वरक के हिसाब से उर्वरक दिया जाएगा।"उर्वरक खरीदने के बाद डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए सीधे किसानों के खाते में सब्सिडी की राशि भेजी जाएगी। पीओएस मशीनों के माध्यम से उर्वरक खरीदने के लिए किसानों को अब अपना आधार कार्ड लेकर लाना होगा।

क्या है पीओएस मशीन

पीओएस मशीन को पाइंट ऑफ सेल मशीन कहा जाता है। यह मशीन ऑन लाइन सिस्टम से जुड़ी होती है। मशीन को ऑपरेट करने के लिए उर्वरक विक्रेताओ को लॉग इन आईडी व पासवर्ड दिया जाएगा। हर दुकान का एक अलग पास वर्ड व आईडी होगी। इस मशीन को वही ऑपरेट कर पाएगा जिसके पास पासवर्ड होगा।

उर्वरक लेने गए किसान का सबसे पहले उसके अंगूठे का निशान लिया जाएगा। इस निशान की स्केनिंग मशीन अपने पास उपलब्ध डाटा से मैच करेगी। यदि अंगूठे का निशान मैच होता है तो ही मशीन प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी वरना प्रक्रिया रूक जाएगी।

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